मराठी फिल्म और टीवी ऐक्ट्रैस जानकी पाठक ने मराठी फिल्म 'जोम्बिवाली' से डैब्यू किया. वे हमेशा से अभिनेत्री बनना चाहती थीं, इसलिए स्कूल और कालेज से ही उन्होंने नाटकों में ऐक्टिंग करना शुरू कर दिया था. उन की फिल्म 'वैनीला स्ट्राबेरी एंड चौकलेट' काफी लोकप्रिय रही और लोगों के बीच उन की पहचान बननी शुरू हुई.
उन के शीर्ष तक पहुंचने में उन की कड़ी मेहनत और लगन है. शांत और हंसमुख स्वभाव की जानकी को हमेशा चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाने की इच्छा रही, जिस के लिए कई बार रिजैक्शन होने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंत में कामयाब रहीं. अभी वे सन मराठी पर शो 'माझी माणस' में गिरिजा की मुख्य भूमिका निभा रही हैं. शूटिंग में व्यस्त जानकी ने समय निकाला तो उन से खास बातचीत हुई.
अभिनय में आने की प्रेरणा कैसे मिली?
बचपन से मुझे फिल्में देखना और कलाकारों की कौपी करना पसंद था, इसलिए 5 साल की उम्र में मैं ने ऐक्ट्रैस बनने के बारे में सोच लिया था. असल में मेरे पेरैंट्स ने छोटी उम्र से मुझे संगीत, डांस, पेंटिंग, ऐक्टिंग आदि सभी में डाल दिया था और तभी यह मुझे अच्छा लगा था. बचपन में चिल्ड्रन नाटक में काम करने के अलावा स्कूल में कई छोटेछोटे नाटकों में भाग लिया. स्कूल खत्म होने के बाद मैं ने अनुपम खेर की ऐक्टिंग क्लासेज से डिप्लोमा किया और मैं प्रोफैशनली औडिशन देना, कालेज के नाटकों में भाग ले कर प्रतियोगिता में भाग लेना आदि सीरियसली करने लगी थी.
पहला ब्रेक कैसे मिला?
Diese Geschichte stammt aus der September 2022-Ausgabe von Mukta.
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