वक्त के साथ बहुतकुछ बदल रहा है. जितनी तेजी से इंटरनेट का जाल फैल रहा है, जितनी तेजी से तकनीकी विकास हो रहा है, उस से कई गुना ज्यादा तेजी से बच्चे अपनी कम उम्र में भी परिपक्व होते जा रहे हैं.
हाल ही में मेरी मुलाकात 'एंड टीवी' पर प्रसारित हो रहे सीरियल 'हप्पू की उलटन पलटन' में अभिनय कर रहे बाल कलाकार सौम्य आजाद से हुई तो बातचीत कर के एहसास हुआ कि वह अपनी उम्र से काफी ज्यादा मैच्योर हो चुका है. उस की तमन्ना स्टार नहीं, बल्कि एक बेहतरीन ऐक्टर बनना है.
प्रस्तुत हैं सौम्य आजाद से हुई बातचीत के अंश :
आप ने काफी छोटी उम्र से ही अभिनय करना शुरू कर दिया था तो क्या आप के घर में कला का माहौल रहा है?
मेरे पिता राजेश आजाद भी अभिनेता रहे हैं. उन्होंने 'क्राइम पैट्रोल', 'सावधान इंडिया' सहित कई सीरियलों में अभिनय किया है. उन्हें टीवी पर देख कर मेरे अंदर अभिनेता बनने की ललक पैदा हुई. इस तरह अभिनय में मेरे प्रेरणास्रोत मेरे पापा ही हैं.
उन दिनों हम आगरा में रहा करते थे और मेरे पापा अकेले ही मुंबई में संघर्ष करते हुए अभिनय कर रहे थे. अचानक वे बीमार हो गए तो वापस आगरा लौट आए. जब वे ठीक तो मैं ने उन के सामने अभिनय करने की बात की. उस वक्त मेरे दादादादी ने विरोध किया. उन का कहना था कि मुझे सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.
उस वक्त मेरी उम्र 6 साल की रही होगी पर मेरे पापा ने मेरा दिल नहीं तोड़ा और मुंबई वापस आते समय मुझे भी अपने साथ इस शर्त पर ले कर आए कि मैं पढ़ाई भी करूंगा और अच्छे नंबरों से ही परीक्षा पास करूंगा तो मैं उन के साथ मुंबई आ गया था. तब से अभिनय व पढ़ाई साथसाथ चल रही है. मैं ने हर कक्षा अच्छे नंबरों से पास की. इन दिनों मैं 11वीं का छात्र हूं. इसी के साथ मेरा अभिनय कैरियर भी सरपट दौड़ रहा है.
आप ने अभिनय की कोई ट्रेनिंग ली या नहीं?
मुंबई पहुंचने के बाद मेरे पापा राजेश आजाद ने 2 माह तक मुझे अभिनय सिखाया. वे औडिशन की स्क्रिप्ट ले कर आते थे और मुझे बताते थे कि कैसे क्या करना है. उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट पढ़ कर उसे समझना सिखाया. वे स्क्रिप्ट पढ़ कर मुझे समझाते थे कि कहां मुझे गुस्सा करना है, कहां मुसकराना है.
Diese Geschichte stammt aus der March 2023-Ausgabe von Mukta.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der March 2023-Ausgabe von Mukta.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
कहीं आप ममाज बौय तो नहीं
'ममाज बौयज' होना गलत नहीं है, बल्कि इस से सहानुभूति और कोमल व्यवहार ही मिलता है मगर अपनी मां पर हर काम के लिए निर्भर रहना कमजोर भी बना सकता है.
भ्रामक प्रचार करते फूड व्लॉगर्स
सोशल मीडिया पर फूड इन्फ्लुएंसर्स जगहजगह घूम कर ऐसेऐसे फूड्स का प्रचार करते हैं जो वाकई चटकारे लायक होते हैं लेकिन बात हाइजीन की हो तो वे बेहद ही घटिया होते हैं.
ब्रँड प्रमोटिंग के खेल में मीम्स मार्केटिंग एजेंसी का बढ़ता चलन
सोशल मीडिया प्रचार का सब से बड़ा माध्यम हो गया है. बाजार लगते ही यहां भी बिचैलिए आ गए हैं, जो ब्रैंड और इन्फ्लुएंसर्स के बीच आ कर मोटा मुनाफा ले जाते हैं.
बौलीवुड ट्रेलब्लेजर जर्नलिस्ट आदित्य राणा
आदित्य राणा एलजीबीटीक्यू राइट्स की मांग उठाने वाला जर्नलिस्ट है. वह अकसर बौलीवुड सैलिब्रिटीज के साथ दिखाई देता है. सोशल मीडिया पर जितना उसे ट्रोल किया जाता है उतना ही वह बोल्ड तरीके से अपनी बात रखता है.
संतोषी शेटटी का फैशन कंटेंट हुआ फीका
संतोषी शेट्टी फैशन व्लौगर के रूप में फेमस हुई पर लगता नहीं कि अब उस का कंटैंट कोई देखता है. संतोषी शेट्टी का फैशन ब्लौग नीरस और थका हुआ रहता है. ऐसे में व्यूज की संख्या घटेगी ही.
फालतू इन्फ्लुएंसर्स को यूथ में आइडियलाइज करता बिग बोस
जब से बिग बौस ओटीटी आया है तब से एकाएक फालतू सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स इस शो में आ रहे हैं. बिग बौस इन फालतू इन्फ्लुएंसर्स को युवाओं के बीच में प्रचारित तो कर ही रहा है, साथ में आइडियलाइज भी.
टीनएज में जब गर्लफ्रैंड बने
टीनएज लव यानी किशोरावस्था में प्यार कोई नई बात नहीं है. आप के साथ भी ऐसा हो रहा है तो कोई बात नहीं. बस, उम्र के जोश में यह न भूल जाना कि आप की इस चाहत की मंजिल क्या है.
युवाओं के सपनों के बूते चलते कोचिंग संस्थान
माचिस की डब्बीनुमा कोचिंग संस्थान देशभर में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हैं. इन कोचिंग संस्थानों में छात्रों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखा कर मौत बांटी जा रही है.
रील के चक्कर में जान गंवाते युवा
सोशल मीडिया पर खतरनाक स्टंट वाली रील देखना लोग ज्यादा पसंद करते हैं. वायरल होने की चाहत में युवा ऐसी रील बनाने में अपनी जान गंवा रहे हैं. लखनऊ में पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के आंकड़े बताते हैं कि 7 माह में 83 लोगों की जान रील बनाने के चक्कर में गई हैं.
सैक्सी एंड बोल्ड इमेज के साथ टाइपकास्ट की शिकार हुईं तृप्ति डिमरी
'बुलबुल' और 'कला' फिल्मों में अपनी अच्छी परफोर्मेंस से तृप्ति डिमरी दर्शकों के दिलों में जगह बनाई, लेकिन 'एनिमल' में उन के बोल्ड सीन्स ने उन्हें रातोंरात एक बोल्ड इमेज में ढाल दिया. सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनने के बावजूद उन की यह सैक्सी इमेज उन के कैरियर के लिए एक चुनौती बन सकती है. क्या तृप्ति इस टाइपकास्ट से बाहर निकल पाएंगी?