'हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़ेलिखे को फारसी क्या'. यह कहावत आईएएस अधिकारी दीपक रावत पर फिट बैठती है क्योंकि काम भले उन का चूंचूं का मुरब्बा हो पर यूट्यूब पर हवा ऐसी बना के रखते हैं कि फिल्मी सिंघम भी पानी न मांगे. देखनेदिखाने के खेल में वे माहिर हो चुके हैं. इस के लिए उन्होंने यूट्यूब को चुना है, जिस के शौर्ट वीडियोज इफरात से यहांवहां तैरते रहते हैं. जब देश के बड़ेबड़े नेता खुद को दिखाने की होड़ में लगे हों तो यह आईएएस क्यों न लगें भला.
साफसाफ कहने का मतलब यह है कि अगर कोई काम होता है तो भला दिखने से कौन रोक सकता है पर अगर दिखाने के लिए ही काम हो तो क्या ही भला ? 'नायक' मूवी में अनिल कपूर मीडिया के साथ रेड (छापा मारने निकल जाता है. गड़बड़ी मिलने पर फैसला लेने में कोई देरी नहीं, झट मंगनी पट ब्याह. ऐसा सा कुछ रियल लाइफ का दीपक रावत दिखाते हैं पर समस्या यह कि वह रील लाइफ के अनिल कपूर जैसे ही नकली लगते हैं.
यूट्यूबर रेड स्पैशलिस्ट
उत्तराखंड के कुमाऊं जोन का कमिशनर दीपक रावत 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं. 1977 मसूरी, उत्तराखंड में जन्म हुआ उन का. अभी 46 साल के हैं. शुरुआती पढ़ाई उत्तराखंड से करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अपनी एमफिल तक की पढ़ाई पूरी की. पद की तरह लंबा कद, क्लीन शेव आंखों पर चश्मा, . सरकारी गाड़ी और नायक जैसी पर्सनैलिटी दीपक को बाकी अधिकारियों से अलग तो करती है.
आईएएस का पद बड़ा है. सरकार की है.. व्यवस्था बनाए रखने में इन का इंपोर्टेंट रोल होता है. बाकायदा सरकार से मोटी सैलरी मिलती है. लाइफ सिक्योरिटी के साथ पावर भी हाथ आता है. कुछ लोग इस पावर का इस्तेमाल मदारी के बंदर के हाथ में रखे पाउडर की तरह करते हैं जिसे कभी अपने माथे पे गाल पर या फिर अपने पेट पर मलते हैं.
दीपक रावत यूट्यूब की रेड (छापा ) स्पैशलिस्ट हैं. उन की अधिकतर वीडियोज छोटे दुकानदारों, फुटपाथियों पर रेड डालने की दिखाई देती हैं, मानो वे यूट्यूब पर ही रेड डाल रहे हों. रेड के समय मीडिया की जरूरत नहीं पड़ती पर उन का अपना यूट्यूब चैनल है. चैनल में लगभग 43 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. वीडियोज में रावत की अलगअलग जगह मारी गई रेड्स हैं.
Diese Geschichte stammt aus der March 2024-Ausgabe von Mukta.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der March 2024-Ausgabe von Mukta.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.