पुष्पा 2 की थप्पड़ गर्ल श्रीलीला

'पुष्पा 2 द रूल' में 'किसिक' गाने में डांस नंबर कर पूरी दुनिया में छा जाने वाली एमबीबीएस पदवीधारी अभिनेत्री श्रीलीला भारतीय मूल की अमेरिकन अभिनेत्री हैं, जिन्हें दर्शक 2017 से तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में देखते आ रहे हैं. 2019 की कन्नड़ फिल्म 'किस' में मुख्य भूमिका निभाने से पहले वह 2017 में एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म 'चित्रांगदा' में नजर आई थीं. फिर तेलुगु फिल्मों पेली सांडाडी (2021) और धमाका (2022) में अभिनय कर सुर्खियों में छा गईं. स्त्री रोग विशेषज्ञ स्वर्णलता की बेटी श्रीलीला का जन्म 14 जून, 2001 को डेट्रोइट, मिशिगन, अमेरिका में हुआ था.
श्रीलीला का पालनपोषण बेंगलुरु भारत में हुआ. बेंगलुरु निवासी उन की मां स्वर्णलता का विवाह उद्योगपति सुरपानेनी शुभकर राव से हुआ था और जोड़े के अलग होने के बाद स्वर्णलता ने लीला को जन्म दिया था. अपनी मां की तरह डाक्टर बनने का सपना देखने के बावजूद श्रीलीला ने बचपन में ही भरतनाट्यम नृत्य का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था. 2021 में उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करते ही फरवरी 2022 में, 2 विकलांग बच्चों को गोद ले लिया था.
एमबीबीएस की पढ़ाई और बाल कलाकार
श्री लीला ने एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए 2017 में तेलुगु फिल्म 'चित्रांगदा' सिंधु तोलानी के चरित्र के युवा संस्करण को निभाते हुए अभिनय जगत में कदम रखा. उस के बाद निर्देशक एपी अर्जुन ने सोशल मीडिया पर श्रीलीला की फोटो देख कर उन्हें 2019 में रिलीज हुई अपनी कन्नड़ फिल्म 'किस' नंदिनी का किरदार निभाने का अवसर दे कर हीरोइन बना दिया, जिस की शूटिंग 2017 में ही शुरू हुई थी, 2019 में जब फिल्म 'किस' रिलीज हुई तो फिल्म आलोचकों ने श्रीलीला को आत्मविश्वास से भरपूर स्टाइलिश एक्ट्रैस बता डाला.
फिर निर्देशक श्री मुरली के साथ उन की दूसरी कन्नड़ फिल्म 'भारते' रिलीज हुई. इस के बाद उन्हें रोमांटिक म्यूजिकल तेलुगु फिल्म 'पेली सैंडाडी' मिली, जोकि 2021 में रिलीज हुई थी. इस तरह 2021 में पहली बार श्रीलीला ने तेलुगु सिनेमा में कदम रखा था.
Diese Geschichte stammt aus der December 2024-Ausgabe von Mukta.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December 2024-Ausgabe von Mukta.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden

सेक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स सैक्स अब टैबू नहीं रह गया
यौन स्वास्थ्य के बारे में बातचीत धीरे धीरे सुरक्षित सैक्स से यौन सुख की ओर बढ़ रही है, पुरुषों और महिलाओं के बीच सुख असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, लोग सक्रिय रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, यौन स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता और प्रजनन क्षेत्रों में डाक्टरों और प्रभावशाली लोगों के फौलोअर्स की संख्या में पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर 50 से 100 फीसदी की वृद्धि हुई है. यहां चुनिंदा सैक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स का जिक्र किया जा रहा है.

फ्रैंड्स के साथ मूवीज ये गलतियां न करें
दोस्तों के साथ मूवी देखना काफी मजेदार होता है. ग्रुप के सभी लोग एकसाथ होते हैं, हंसी ठिठोली होती है. दोस्तों के साथ बिताया हर पल मैमोरेबल होता है. इसे और यादगार बनाने के लिए मूवी प्लान करने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए.

कंट्रोवर्सी क्वीन अपूर्वा मखीजा
अपूर्वा मखीजा हाल ही में विवादों में आई जब वह इंडियाज गौट लैटेंट में दिखाई दी. उसे फुजूल ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. लड़की होने के नाते वह ज्यादा टारगेट पर रही.

ग्रूमिंग के बाद भी लड़के क्यों लगते हैं झल्ले
लड़कों में भी स्मार्ट दिखने का क्रेज बढ़ रहा है इस के लिए वे सैलून, जिम ही नहीं बल्कि ट्रीटमैंट के लिए डाक्टरों के पास भी जाने लगे हैं. बावजूद इस के, वे लगते झल्ले ही हैं.

इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया पर अध्यात्म प्रदर्शन पड़ा भारी
हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर अचानक तब वायरल हो गई जब वह कुंभ में वीडियोज बनाने लगी. कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने कुंभ को वह ग्राउंड बनाया जहां से वे अपनी रीच बढ़ा सकते थे. इसी में हर्षा का नाम भी जुड़ता है.

घुमक्कड़ी से फेमस हुईं कामिया जानी
एक रिस्पैक्टेड जौब पाना हर किसी का सपना होता है. लेकिन क्या आप ऐसी जब छोड़ कर अपने घूमने फिरने के जनून को प्रायोरिटी देंगे, इस को साबित किया है फूड एंड ट्रैवलिंग के लिए नैशनल क्रिएटर अवार्ड पाने वाली कामिया जानी ने.

क्रिकेट से ले कर फिल्मों तक बढ़ता पीआर कल्चर
बौलीवुड कलाकार हों, क्रिकेटर हों या फिर हों सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, उन की चकाचौंधभरी दुनिया के बारे में जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं, खासकर इन की पर्सनल लाइफ के बारे में. बाहर खबरों में क्या जाए, इस के लिए ये पीआर रखते हैं. जहां इस से कुछ का फायदा होता है, वहीं कुछ को भारी नुकसान उठाने पड़ते हैं.

सोशल मीडिया ने फिर पैदा किए जाति के टोले
सोशल मीडिया कोई दूसरी दुनिया की चीज नहीं है, यह वह भौंडी, सड़ीगली जगह है जो आम लोग बाहर की दुनिया में भीतर से महसूस करते हैं और अपनी उलटी बेझिझक यहां उड़ेलते हैं. भड़ास के ये वे अड्डे हैं जहां वे अपनी असल पहचान जाहिर करते हैं.

झटपट शोहरत कितनी टिकाऊ
सोशल मीडिया की शोहरत टिकाऊ नहीं होती. सोशल मीडिया से अचानक हासिल की गई प्रसिद्धि कई बार बरकरार रखना मुश्किल होता है. यह जितनी तेजी से मिलती है, उतनी ही जल्दी खत्म भी हो जाती है.

युवाओं की जेबों पर डाका डालतीं फास्ट डिलीवरी ऐप्स
भारत में एक अलग ही ट्रैंड देखने को मिल रहा है मिनटों में डिलीवरी का, जो एक गेमचेंजर माना जा रहा है. युवा 10 मिनट की डिलीवरी के आदी हो रहे हैं. ये डिलीवरी ऐप्स उन की साइकोलौजी के साथ खेलती हैं, जिस से जरूरत न होने पर भी वे सामान खरीद रहे हैं. जानें क्या है उन की मार्केटिंग स्ट्रैटजी और कैसे लोग उन के जाल में फंसते जा रहे हैं.