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बीजेपी की तेजी से हाथी की फूल रही सांस तो डगमगा रही साइकिल
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक लगातार दौरे कर माहौल बनाने में जुटे हैं तो दूसरी ओर यूपी बीजेपी की कमान सम्भालने वाले प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के पहले ही दिन से क्षेत्रवार मंथन का दौर चला रखा है।
वक्फ बोर्ड से जुड़ा 33 वर्ष पुराना विवादित कानून - कांग्रेस सरकार में आया योगी राज में गया
योगी सरकार द्वारा समीक्षा के बाद सरकार ने करीब 33 वर्ष पुराने कांग्रेस काल के उस काले कानून को खत्म कर दिया है जिसके तहत तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने तुष्टिकरण की सियासत के चलते वक्फ बोर्ड को असीम शक्तियां मिल गई थीं। सरकार द्वारा वक्फ की प्रॉपर्टी की जांच का फरमान जारी करते हुए वक्फ की सामान्य संपत्तियों की जांच और सीमांकन कराने का आदेश भी दे दिया है।
पांव पसारने में जुटी 'आप'
केजरीवाल ने जिस तरह से गुजरात, हरियाणा और हिमांचल प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाई है, उसे देखकर लग रहा है कि उनका अगला लक्ष्य अब इन राज्यों में 'झाडू' फेरना है। केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ लगातार इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं और सरकार बनने पर विभिन्न गारंटी यथा - मुफ्त बिजली, बेहतर शिक्षा - स्वास्थ्य, पुरानी पेन्शन की बहाली देने का वादा कर रहे हैं।
खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय
कांग्रेस में पिछले 50 वर्षों में दो बार ही अध्यक्ष पद के चुनावों में वोटिंग की नौबत आई। तय कार्यक्रम के तहत 17 अक्टूबर को मतदान होना है। पिछली बार 22 साल पहले 2000 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। तब सोनिया गांधी को जितेंद्र प्रसाद ने चुनौती दी थी। दरअसल, जून 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद कुछ साल तक गांधी परिवार देश की सक्रिय राजनीति से अलग रहा।
अन्न बल से बड़ा इसकी निंदा न करें!
संकल्प मन से बड़ा है। चित्त संकल्प से बड़ा है। ध्यान चित्त से बड़ा है। ध्यान से विज्ञान बड़ा है। विज्ञान से बल बड़ा है, लेकिन अन्न बल से बड़ा है। अन्न की महिमा बताते हैं, दस दिन भोजन न करें। जीवित भले ही रहे तो भी वह अद्रष्टा, अश्रोता, अबोद्धा अकर्ता अविज्ञाता हो जाता है। अन्न की है प्राप्ति हो जाने पर वह द्रष्टा, श्रोता, बोद्धा कर्ता विज्ञाता हो जाता है।
मेडल की चाहत योगी-धामी ने खोला खजाना
यूपी और उत्तराखंड में खेलों को बढ़ावा देने की मुहिम में लगी योगी-धामी सरकार द्वारा प्रदेश के खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाओं के साथ उन्हें आर्थिक रूप से भी मदद देने की बडी पहल की जा रही है ताकि वे तनावमुक्त होकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों का स्वास्थ्य बीमा कराया जा रहा है। बीमा होने से खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिलेगी। दूसरी तरफ खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए धामी सरकार ने भी पुरस्कार राशि को दस गुना तक बढ़ाने की घोषणा की है।
मुस्लिम सियासत से बेपटरी सपा 24 में फिर बड़े दॉव की तैयारी
आजमगढ़-रामपुर लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति में कई बदलाव किए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दरअसल, अखिलेश ने यह समझ लिया है कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव और यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक पार्टी को बीजेपी से मुकाबले के लिए तैयार रखना है तो फिर पार्टी में पूरी तरह एकजुटता कायम करनी होगी। इसी क्रम में उन्होंने पार्टी के पुराने नेताओं और सिपहसलारों को नए सिरे से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले दिनों आजमगढ़ जाकर जेल में बंद रमाकांत यादव से मुलाकात करना और लगातार आजम खां का मुद्दा उठाना इसी रणनीति का हिस्सा है।
वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार करती मोदी सरकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप पहली बार छत्तीसगढ़ व झारखण्ड बॉर्डर के बूढ़ा पहाड़ और बिहार के चक्रबंधा एवं भीमबांध के अति दुर्गम क्षेत्रों में प्रवेश करके माओवादियों को उनके गढ़ से सफलतापूर्वक निकालकर वहां सुरक्षाबलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गए हैं। यह सभी क्षेत्र शीर्ष माओवादियों के गढ़ थे और इन स्थानों पर सुरक्षाबलों द्वारा भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, विदेशी ग्रेनेड, एरोबम व आईईडी बरामद किया गया है। निश्चित रूप से यह एक बड़ी उपलब्धि है।
टूटी कट्टरपंथियों की कमर पीएफआई प्रतिबंधित
बिहार पुलिस ने बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है। इसके बाद देशभर की इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हुए। पीएफआई का पूरा नेटवर्क खंगाला गया। 20 राज्यों और 100 से ज्यादा शहरों में इनका सर्विलांस शुरू हुआ। पता चला कि इनके मंसूबे खतरनाक हैं और नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है।
भारत के लिए लाभकारी है ताइवान पर अमेरिकी नीति
1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जीत हासिल कर राजधानी बीजिंग पर कब्जा कर लिया और हार के बाद सत्ताधारी नेशनलिस्ट पार्टी (कुओमिंतांग) के लोगों को भागना पड़ा। कुओमिंतांग पार्टी के सदस्यों को ताइवान में जाकर शरण लेनी पड़ी और वहीं पर उन्होंने अपनी सत्ता स्थापित कर ली। उसी वक्त से चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है जबकि ताइवान के लोग अपने को आजाद देश मानते हैं।
गुजरात मॉडल हुआ पुराना अब योगी मॉडल का जमाना
देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि सभी जगह योगी मॉडल का जिक्र अपराधी या अपराध के खिलाफ सरकार की सख्ती के तौर पर हो रहा है। जब सवाल ये उठता है कि योगी मॉडल है क्या ? इस पर मिलिजुली प्रतिक्रिया सामने आती है। जब भी कोई योगी मॉडल की बात करता है तो उनका इशारा बुलडोजर की ओर होता है। क्या योगी प्रशासन की सख्ती सभी समुदाय के लोगों पर एक जैसी होती है? इस सवाल पर योगी आदित्यनाथ की सफलता यही है कि उन्होंने उपद्रवी मुसलमानों की नकेल कस दी है। साथ ही कानून व्यवस्था भी कड़ी कर दी है।
यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की राह पर योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आर्थिक सुधारों की गति तेज करते हुए 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय किये हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए राज्य की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर करने के लिए डेलॉयट इंडिया को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। डेलॉयट ने सलाहकार नियुक्त होने के लिए 120 करोड़ रुपये की बोली लगाई।
सबके मन को भा गई पीएम मोदी की 'हर घर तिरंगा' अपील
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर भारत सरकार के कार्यक्रम 'आजादी का अमृत महोत्सव' की श्रृंखला में देशभर में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की कड़ी में आईटीबीपी द्वारा 15 अगस्त को 'अमृतारोहण' अभियान का आयोजन किया गया था। आजादी के 75 वर्ष के आलोक में आईटीबीपी ने 75 सीमा चौकियों के नजदीक 75 चोटियों को चिह्नित किया।
आईएसआईएस की विचारधारा पर प्रहार करता एनआईए
बांग्लादेश से जाली भारतीय नोटों की तस्करी के आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने का मामला हो, या खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में रहने वाले 16 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने का मामला हो, साइप्रस से प्रत्यर्पित फरार खालिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार करने का मामला हो, पाकिस्तान से तस्करी कर लाए ड्रग्स बेचकर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स की अवैध गतिविधियां चलाने में संलग्न लोगों पर कार्यवाही का मामला हो या फिर आईएसआईएस, एनआईए ने एक सक्रिय संघीय जांच एजेंसी के रूप में बहुआयामी भूमिका निभाई है।
बेहतर केन्द्र-राज्य संबंधों के पक्षधर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का राजनीतिक अनुभव काफी बड़ा और बहुआयामी है जिससे देश, समाज को लाभ मिलने की उम्मीद है। उन्हें कानून का अच्छा ज्ञान है, वो खेल प्रेमी भी रहे हैं और राजनीति की बात करें तो वे पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री को सही दिशा में काम कराने के लिए एक चट्टान बनकर डटे रहे।
जनजाति समाज को तोड़ने का वैश्विक षड्यंत्र
विश्व मजदूर संगठन (आएलओ) एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित संस्था है। मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करना इस संस्था का प्रमुख हेतु है। इसकी स्थापना 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के विजयी देशों ने की थी। वर्ष 1989 में आएलओ द्वारा राइट्स ऑफ इंडिजिनस पीपल कन्वेन्शन क्रमांक 169 घोषित किया गया, जिसे विश्व के 189 में से केवल 22 देशों ने स्वीकार किया, जिसका मुख्य कारण इंडिजिनस पीपल शब्द की परिभाषा को स्पष्ट न करना था।
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से आदिवासियों के मुद्दे केन्द्र में तो आए
ओड़िसा के मयूरभंज जिले की संथाल (आदिवासी) महिला द्रौपदी मुर्मू भारतीय गणतंत्र की पंद्रहवी राष्ट्रपति बन गई हैं।
पर्यावरण व जल संरक्षण पर गंभीर धामी सरकार
उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां वर्ष के लगभग 100 दिन बारिश होती है और इस दौरान औसतन 1,945 मिमी पानी बरसता है, जबकि राज्य में प्रतिवर्ष आम लोगों, पशुओं, कृषि कार्यों और उद्योगों में कुल वर्षा जल का मात्र 3 प्रतिशत ही इस्तेमाल होता है। हर वर्ष वर्षा जल के रूप में राज्य को मिलने वाली जल राशि पहाड़ी ढलानों से बेकार बह जाती है, जबकि राज्य में कृषि योग्य लगभग 1.55 मिलियन हेक्टेयर भूमि में से मात्र 0.56 मिलियन हेक्टेयर भूमि की ही सिंचाई हो पाती है।
देवभूमि: माफिया पर कसता धामी सरकार का शिकंजा
किसी भी तरह का गैरकानूनी कार्य करने वाले अपराधियों के गुप्त संगठनों के खिलाफ उत्तराखण्ड की धामी सरकार आक्रामक नजर आ रही है।
हर मोर्चे पर फतह हासिल करते धामी
उत्तराखंड की जनता को एक ऐसा जनसेवक मिल गया है जो हर पल, हर क्षण जनता के हितों को सर्वोपरि रखता है और उनकी भावनाओं को संरक्षित करने के लिए संकल्पबद्ध भी है और धामी यह करके भी दिखा रहे हैं। समस्या जैसी भी हो, वह उस पर गंभीरता से विचार करके सरकारी मशीनरी के पेंच कसने में जरा भी कसर नहीं छोड़ते। उनका येन-केन प्रकारेण उद्देश्य यही रहता है कि आम जनमानस को समय पर सहूलियत मिल सके।
सीरीज डॉ लेकिन टीम इंडिया ने दिखाया दम
ओपनिंग में ईशान का जलवा, कार्तिक ने मध्य क्रम को दी मजबूती, हर्षल ने रफ्तार से बॉलिंग में डाली जान
साउथ से लेकर बॉलीवुड तक काजल अग्रवाल का जलवा
साउथ फिल्मों से लेकर हिंदी फिल्मों तक अपने अभिनय का दमखम दिखाने वाली अभिनेत्री काजल अग्रवाल का जन्म 19 जून, 1985 को मुंबई में हुआ था।
सीमांचल को साधने की कोशिश
बिहार की राजनीति जातिगत खांचों में तो बंटी ही है, मुस्लिम तुष्टिकरण भी शामिल है। सीमांचल के चार जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज हैं। यहां विधानसभा की 24 सीटें हैं। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। किशनगंज क्षेत्र में राज्य में सबसे ज्यादा 67 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। कटिहार में 38, अररिया में 32 व पूर्णिया में 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। यही कारण है कि ओवैसी ने बीते विधानसभा चुनाव में यहां फोकस किया था। उनके पांच विधायक जीते थे। ओवैसी के चार विधायकों को तोड़कर तेजस्वी ने संतुलन साधरने की कोशिश की।
जम्मू कश्मीर में जी 20 समिट मोदी का मास्टर स्ट्रोक
अभी जम्मू कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण आत्मनिर्धारण के अधिकार, आतंकवाद, आजाद कश्मीर जैसे मुद्दों को लेकर पाकिस्तान ने किया है और उसको समर्थन चीन द्वारा भी मिला है। इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने भी जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता पर टिप्पणियां की हैं और भारत को यह नसीहत दी है कि वह जम्मू कश्मीर के साथ छेड़छाड़ न करें लेकिन भारत ने भी यह ठान लिया है कि वह जम्मू कश्मीर को आर्थिक विकास का हब बनाकर ही छोड़ेगा। यही कारण है कि भारत ने इससे पहले खाड़ी सहयोग संगठन के खाड़ी देशों को भी जम्मू कश्मीर में निवेश, व्यापार, वाणिज्य को बढ़ाने का निमंत्रण दिया
परिवारवाद की राजनीति नफा कम नुकसान ज्यादा
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र मोह ने सेना को 'चौराहे पर खड़ा कर दिया है। उद्धव को अपना सियासी अस्तित्व बचाना मुश्किल हो गया है। उद्धव के पुत्र मोह के चलते उनके सबसे वफादार नेता एकनाथ शिंदे और करीब 38 अन्य विधायकों ने पार्टी से नाता तोड़कर न केवल अपना अलग गुट बना लिया, बल्कि उद्धव ठाकरे से सत्ता छीन कर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री भी बन गए हैं।
बगावत की असली वजह
शिवसेना में बगावत नई नहीं है लेकिन इतने बड़े पैमाने पर बगावत क्यों ? यह सवाल सभी के मन में खटक रहा है। इसमें मुख्य वजह केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को बताया जा रहा है, जिसके डर से भ्रष्ट नेताओं ने शिवसेना से बगावत कर भाजपा के साथ जाने की जिद पर अडी है लेकिन इसके अलावा भी कई कारण हैं-
धामी ने की सिस्टम में सुधार की प्रभावी पहल
मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि सरकार का मूल मंत्र है। सिस्टम इस प्रकार का होना चाहिए, जिससे जनता सरलतम तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान करा सके। धामी सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में कार्रवाई करते हुए आठ अधिकारियों को जेल की हवा खिला चुकी है। एक आईएएस, दो आईएफएस और एक आरटीओ को सस्पेंड किया जा चुका है।
क्या भतीजे से अदावत ने खत्म कर दिया है
अब किसी मोर्चे व गठजोड़ की उम्मीद छोड़ते हुए शिवपाल यादव ने खुलेआम कहना शुरू कर दिया है कि सपा ने उनके साथ विश्वासघात किया। दिलचस्प यह कि हर तरफ से ठोकर खाने के बाद सपा विधायक शिवपाल यादव अब 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने व अपनी पार्टी को मजबूती देने की बात करने लगे हैं, लेकिन उनके लिए आगे की सियासी डगर आसान नहीं दिखाई दे रही है।
भाजपा में जश्न विपक्ष में तकरार
भाजपा के लिए यह जश्न का बड़ा मौका है। फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत और मुख्यमंत्री की सरकार के कामकाज पर अब मुहर लग गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी बाहों में अब और भी ताकत आ जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि यह चुनाव पार्टी के लिए एक अच्छा संदेश लेकर आए हैं। उनका दावा है कि अब लोकसभा की सभी 80 सीटों पर भाजपा की जीत तय है। मुख्यमंत्री की बात में थोड़ी अतिशयोक्ति हो सकती है लेकिन उपचुनावों में इतनी बड़ी जीत के बाद उनका दावा बहुत दूर की कौड़ी नहीं है।
पवार पस्त, ठाकरे ध्वस्त और फडणवीस मस्त
महाराष्ट्र राज्य में सत्ता पलट हो गया है, लेकिन पिछले दो सप्ताह के बीच इस प्रकार सत्ता पलट का खेल हुआ है कि वह एक इतिहास बन गया है। इस राजनीतिक खेल में ऐसी चाल चली गई कि कई लोग एक ही तीर से घायल हो गए। चाहे वह एनसीपी के शरद पवार हों या शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अथवा कांग्रेस की केन्द्रीय इकाई। इसके अलावा भाजपा के ही देवेंद्र फडणवीस भी ठिकाने लग गए हैं। किसने चाल चली थी सबको पता है और किसी को पता भी नहीं है।