उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों आपदा प्रबंधन को लेकर फिर सुर्खियों में हैं। धामी उत्तराखंड के एक ऐसे युवा मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने उत्तराखंड के आम जनमानस के सामने एक सक्षम और समर्पित मुख्यसेवक के रूप में अपने को उपस्थित किया है। उत्तराखंड से जुड़े हर गंभीर विषय पर वह बहुत ही तत्परता से निर्णय लेते हैं जिससे आम जनमानस से जुड़े मुद्दों पर आवश्यकतानुसार किसी भी परिस्थिति में त्वरित और हरसंभव लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने जब से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है, अपने नवीन कार्यों से उत्तराखंड की जनता को यह साबित कर दिखाया है कि मुख्यमंत्री और पूरी सरकार जनता के हितों के लिए किस तरह समर्पित होकर समयबद्ध तरीके से कार्यों का सरलीकरण करते हुए कार्य कर सकती है और यही कारण है कि उत्तराखंड की जनता के मानस पटल पर वह सबसे उपयुक्त और सक्षम मुख्यमंत्री की अमिट छाप छोड़ पाने में सफल रहे हैं जो धामी सरकार की लोकप्रियता का मजबूत आधार बन चुका हैं।
पूर्व में कुमाऊँ की आपदा हो या वर्तमान में देहरादून के रायपुर में बादल फटने की हो, किसी भी घटना की जानकारी मिलते ही सीएम धामी पूरे तंत्र को चुस्त-दुरुस्त करते हैं और आपदा के समय यह प्रयास करते हैं कि आपदा स्थल पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हों, जिससे पीड़ितों को सरकार 'आपके द्वार' का एहसास होने के साथ-साथ लोगों को भावनात्मक रूप से भी यह संबल मिल सके कि उनका मुखिया मात्र सरकारी औपचारिकताएं ही पूरी नहीं करता बल्कि सुख-दुख में एक परिवार के सदस्य की तरह सहभागी भी है और हर आपदा के समय उनके स्वयं घटनास्थल पर उपस्थित रहने से सरकारी अमला स्वतः ही द्रुत गति से कार्य करने में जुट जाता है, जिससे सरकार की पूरी क्षमता का लाभ आम जनमानस को मिल पाता है। यही कारण है कि पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गये हैं जो अपनी इसी व्यावहारिक कार्यशैली से उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं।
Diese Geschichte stammt aus der September 2022-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में
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आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। टीम इंडिया के सुपरस्टार प्लेयर ऋषभ पंत आईपीएल के नये महाराज बन गये। पंत को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिससे वह ऑक्शन के इतिहास में सबसे महंगे प्लेयर बन गए। ऋषभ पंत का दमदार प्रदर्शन उनकी छप्पड़फाड़ सैलरी की वजह बना।
प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श
स्त्री चेतना, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुप्रतिष्ठित लेखिका आकांक्षा यादव के आलेखों का संग्रह 'प्रकृति, संस्कृति और स्त्री' को पढ़ते हुए जहां हम विषयवार उनके विचारों, विवरणों और विवेचनों से प्रभावित होते हैं, वहीं हम निबंध विधा के महत्व को भी जान पाते हैं।
जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।
संकट में पाकिस्तानी शिया
2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आबादी 7.85 लाख है। इसमें 99 फीसदी पश्तून हैं। पश्तून आबादी में तुरी, बंगरा, जैमुश्त, मंगल, मुकबल, मसुजाई और परचमकानी जनजातियां हैं। तुरी और कुछ बंगश शिया हैं बाकी सब सुन्नी हैं। कुर्रम जिले में 45 प्रतिशत आबादी शिया समुदाय की है जबकि पूरे पाकिस्तान में इस समुदाय की आबादी करीब 15 फीसद है।
डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!
आज के युग में मोबाइल या लैपटॉप आम आदमी के जीवन में काफी प्रसांगिक ये हैं। लेकिन डिजिटल विकास तमाम खूबियां के साथ कुछ खामियां भी लाया है। सात समुंदर पार बैठा शख्स भी किसी से नजदीकियां बढ़ा सकता है, लेकिन इस शख्स की सोच के बारे में कोई डिवाइस नहीं बता सकती है कि वह किस श्रेणी का इंसान है। यहीं से साइबर क्राइम की शुरुआत होती है।
शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि
शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।
कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदूषण से सांसत में जान
दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।
पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।