बदलाव की बयार हिन्दी में उच्च शिक्षा
DASTAKTIMES|November 2022
हिन्दी में मेडिकल-इंजीनियरिंग पढ़ाई के लिए एमपी-यूपी सरकारों को साधुवाद
संजय सक्सेना
बदलाव की बयार हिन्दी में उच्च शिक्षा

ध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी घोषणा की है कि वह भी अपने यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में कराने की तैयारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराये जाने का साहसिक निर्णय लिया है, उसका अनुसरण अन्य राज्यों में भी होना जरूरी है। इसे बीजेपी बनाम अन्य के नजररिये से नहीं देखना चाहिए। फिलहाल तो मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में शुरू हो रही है। यह अच्छी बात है कि जब हमारे यहां अपनी मातृ भाषा में पढ़कर डाक्टर इंजीनियर बाहर निकलेंगे तो उनका आम जनता से जुड़ाव भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। इसीलिए मध्य प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत हो रहा है । जश्न भी मनाया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि यह सब तो आजादी के बाद ही हो जाना चाहिए था। इसके लिए 75 वर्षों तक यदि इंतजार करना पड़ा तो इसका जिम्मेदार कौन है ? क्या यह सच नहीं है कि 1947 में हमें अंग्रेजों की गुलामी से भले ही आजादी मिल गई थी, लेकिन दो सौ वर्ष की गुलामी का असर आज भी हमारी मानसिकता और रहन-सहन पर हावी है। इसकी सबसे बड़ी कीमत हमारी मातृभाषा हिन्दी और तमाम राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं को चुकानी पड़ी । निश्चित रूप से आजादी के पश्चात हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हमारे सिस्टम और उस दौर की सरकारों की भूमिका भी अच्छी नहीं रही होगी, नहीं तो हालात ऐसे नहीं होते। अपने ही देश में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए जब हिन्दी पखवाड़ा मनाना पड़े तो समझा जा सकता है कि हिन्दी के प्रति हमारी कैसी उदासीनता रही होगी।

Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von DASTAKTIMES.

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