![चर्चा में ही सिमट कर रह गई राहुल की भारत जोड़ो यात्रा चर्चा में ही सिमट कर रह गई राहुल की भारत जोड़ो यात्रा](https://cdn.magzter.com/1427090692/1673623384/articles/rSv7xjJb-1674116916994/1674117265821.jpg)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान अभी तक करीब तीन हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चुके हैं। यह यात्रा अभी जारी है। इस यात्रा में अहम पड़ाव तक आया जब यात्रा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश किया। अमूमन कोई भी नेता, पार्टी या संगठन अपनी यात्रा या आंदोलन को दिल्ली पहुंचने पर एक जनसभा करके उसे पूर्ण विराम दे देता है। दिल्ली की जनसभा में यात्रा या आंदोलन के मकसद और इससे हुए फायदे का पूरा 'निचोड़' सामने आ जाता है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब दिल्ली पहुंची तो उन्होंने भी यहां जनसभा करके अपनी बात रखी। यात्रा कैसी रही, इसके बारे में भी बताने की कोशिश की, परंतु सोच की कमी के कारण राहुल गांधी अपनी बात या अनुभव को न तो जनता के सामने रख पाए न ही उन विरोधियों को आईना दिखा पाए जो आरोप लगा रहे थे कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उनकी रीलांचिग के अलावा कुछ नहीं है। यह सच भी है कि दिल्ली में राहुल गांधी ने अपने संबोधन में ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे लोग यह समझ सकें कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा से काफी कुछ सीखा है, जबकि हजारों किलोमीटर की यात्रा में वह लाखों लोगों से मिले, उनसे बात की। राहुल के लिए यह अनुभव काफी मायने रखता होगा, मगर हमेशा की तरह इस बार भी राहुल गांधी रटे-रटाये जुमले ही बोलते रहे। हमेशा की तरह वह इस मौक पर भी अंबानी-अडानी से बाहर ही नहीं निकल पाए, जिस कारण राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की सार्थकता पर ही सवाल खड़ा हो गया है। इतनी लम्बी यात्रा के बाद भी राहुल बाबा ने देश को नहीं समझा तो यह उनकी परिपक्तता पर बड़ा प्रश्न चिह्न है।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली पहुंचने पर जिस तरह बचकानी बातें कीं, वह राहुल की अदूरदर्शिता के अलावा और कुछ नहीं था। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो लोग यह कहते घूम रहे थे कि राहुल गांधी ने इस यात्रा से काफी कुछ सीखा है, वह परिपक्व नेता नजर आने लगे हैं, उनकी भी कलई तब खुल गई, जब राहुल गांधी ने दिल्ली की जनसभा में अपनी यात्रा से जुड़ा वृतांत सुनाया, जिसमें आम जनता से जुड़े मुद्दों की बजाए गाय और कुत्ते-बिल्लियों की चर्चा ज्यादा हुई।
Diese Geschichte stammt aus der January 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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![बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/5PalGZXuO1734522191086/1734522298143.jpg)
बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में
स्वरा का जीवन एक दिलचस्प सफर है, जिसमें फिल्मी करियर, राजनीतिक सक्रियता और व्यक्तिगत जीवन की कई अहम घटनाओं ने उन्हें मीडिया और दर्शकों के बीच खास स्थान दिलाया है। 1988 में दिल्ली के एक हिन्दू परिवार में स्वरा भास्कर का जन्म हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सीनियर स्कूल से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, स्वरा भास्कर ने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
![ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/kIpTJqI_Q1734521917754/1734522183783.jpg)
ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग
आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। टीम इंडिया के सुपरस्टार प्लेयर ऋषभ पंत आईपीएल के नये महाराज बन गये। पंत को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिससे वह ऑक्शन के इतिहास में सबसे महंगे प्लेयर बन गए। ऋषभ पंत का दमदार प्रदर्शन उनकी छप्पड़फाड़ सैलरी की वजह बना।
![प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/dHxqiFjxu1734521757460/1734521906377.jpg)
प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श
स्त्री चेतना, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुप्रतिष्ठित लेखिका आकांक्षा यादव के आलेखों का संग्रह 'प्रकृति, संस्कृति और स्त्री' को पढ़ते हुए जहां हम विषयवार उनके विचारों, विवरणों और विवेचनों से प्रभावित होते हैं, वहीं हम निबंध विधा के महत्व को भी जान पाते हैं।
![जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/3FvW4P_911734521577262/1734521739000.jpg)
जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।
![संकट में पाकिस्तानी शिया संकट में पाकिस्तानी शिया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/ozgNbGPd81734521461432/1734521571993.jpg)
संकट में पाकिस्तानी शिया
2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आबादी 7.85 लाख है। इसमें 99 फीसदी पश्तून हैं। पश्तून आबादी में तुरी, बंगरा, जैमुश्त, मंगल, मुकबल, मसुजाई और परचमकानी जनजातियां हैं। तुरी और कुछ बंगश शिया हैं बाकी सब सुन्नी हैं। कुर्रम जिले में 45 प्रतिशत आबादी शिया समुदाय की है जबकि पूरे पाकिस्तान में इस समुदाय की आबादी करीब 15 फीसद है।
![डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार! डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/9fxyBW4kU1734521180875/1734521422896.jpg)
डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!
आज के युग में मोबाइल या लैपटॉप आम आदमी के जीवन में काफी प्रसांगिक ये हैं। लेकिन डिजिटल विकास तमाम खूबियां के साथ कुछ खामियां भी लाया है। सात समुंदर पार बैठा शख्स भी किसी से नजदीकियां बढ़ा सकता है, लेकिन इस शख्स की सोच के बारे में कोई डिवाइस नहीं बता सकती है कि वह किस श्रेणी का इंसान है। यहीं से साइबर क्राइम की शुरुआत होती है।
![शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/myCfQN9Ij1734520969414/1734521173057.jpg)
शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि
शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।
![कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/7WNzrzsCD1734520624923/1734520952444.jpg)
कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।
![प्रदूषण से सांसत में जान प्रदूषण से सांसत में जान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/qSlqh6W2U1734520445182/1734520621326.jpg)
प्रदूषण से सांसत में जान
दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।
![पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/YEsdM8Jfc1734520311679/1734520440784.jpg)
पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।