उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे राज्य में तुष्टीकरण की नीति को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं। पिछले दिनों राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हुई कुछ सभाओं में जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने लैंड जिहाद का मुद्दा छेड़ा और उस पर अपनी दो टूक राय रखी, उसके बाद इस पर बहस तो हुई लेकिन राज्य की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी भी इस मामले का विरोध नहीं कर पाई। इससे साफ है कि सीएम ने लैंड जिहाद के नाम पर एक बार फिर बड़ा दांव खेला है। वैसे तो राज्य में दूसरी बार कमान संभालने के बाद से ही सीएम पुष्कर धामी ने कई ऐतिहासिक फैसले लेकर न केवल विपक्ष की बोलती बंद कर दी, बल्कि राज्य के भीतर भी इसका अच्छा संदेश गया है।
दरअसल, राज्य में जहां जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी भूमि पर जिस प्रकार से अवैध रूप से मजारें बनी हैं, वह काफी चिंताजनक हैं। यही कारण है कि सीएम ने सरकारी भूमि पर बनी अवैध मजारों को लेकर सख्त संदेश दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकारी जमीन पर अवैध मजारें खुद हटा लें, वरना सरकार उनको हटाने को लेकर अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर प्रदेश में कहीं भी लैंड जिहाद नहीं चलने देंगे। धामी ने कहा कि प्रदेश में एक में हजार से अधिक स्थान ऐसे मिले हैं, जहां मजारें बना दी गई हैं। जब इन मजारों को खोदा गया तो वहां किसी तरह के अवशेष नहीं मिले। उन्होंने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं है, पर जमीन पर जबरन कब्जा भी नहीं होने देंगे। कहीं पर भी लैंड जिहाद को आगे नहीं बढ़ने देंगे। उन्होंने विशेष तौर पर पर्वतीय इलाकों में घुसपैठ के खतरे की आशंका भी जताई है। सीएम ने कहा कि कई जगहों पर जनसंख्या में असंतुलन हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, गैरकानूनी गतिविधि को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीमांत गांवों में धर्मस्थलों की आड़ में घुसपैठ के खतरे की जांच के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म व संस्कृति की भूमि है। हम इसका स्वरूप नहीं बिगड़ने देंगे। किसी को भी यहां ऐसी कोई गतिविधि नहीं करने देंगे, जो गैर कानूनी हो ।
Diese Geschichte stammt aus der May 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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