लोकतंत्र को धारदार बनाने के लिए जरूरी है शत-प्रतिशत मतदान
DASTAKTIMES|April 2024
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मतदान महज वोट करने के लिए चुनावी बटन को प्रेस करने की प्रक्रिया का ही नाम नहीं है। मतदान एक ऐसी प्रक्रिया है जो देश में जन आकांक्षा को मूर्तमान बनाने का माध्यम है, शासन को सुशासन तक पहुंचाने वाला उपकरण है, प्रतिनिधि मूलक लोकतंत्र को मजबूत करने का आधार है, देश की सत्ता में जन साझेदारी का आयाम है। भारत जैसे देश में शत-प्रतिशत मतदान की आवश्यकता है क्योंकि मतदान का स्तर जितना बढ़ेगा, राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूक लोगों के द्वारा उतनी ही अच्छी सरकार का चयन किया जाएगा।
विवेक ओझा
लोकतंत्र को धारदार बनाने के लिए जरूरी है शत-प्रतिशत मतदान

किसी भी देश में एक बेहतर राजनीतिक संस्कृति के विकास के लिए और राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया को मजबूती देने के लिए मतदाता जागरूकता एक पूर्व निर्धारित शर्त है। राजनीतिक प्रणाली के प्रति अगर बड़ी आबादी में अरुचि और मतदान के संदर्भ में राजनीतिक उदासीनता बनी हुई हो तो एक गतिशील सरकार का गठन किया जाना मुश्किल होता है। प्रसिद्ध राजनीतिक विचारक जेएस मिल मतदान को इसलिए एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानते थे। वह मतदान को एक पवित्र कृत्य मानते थे जिसकी अहमियत के आधार पर उसने अशिक्षित लोगों को मतदान की प्रक्रिया से न जोड़ने तक की सिफारिश कर दी थी। बहुत से देश उनके इस मत से संगति नहीं रखते और अपनी पूरी आबादी को धर्म, भाषा, लिंग, शिक्षा के स्तर के आधार पर बिना किसी भेदभाव के मतदान का अधिकार देते हैं । लोकतांत्रिक देशों में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की धारणा पर ही ध्यान केन्द्रित किया गया है लेकिन इसके साथ ही कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि असाक्षर, अशिक्षित लोगों को यह अधिकार नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग जाति, धर्म, भाषा आदि आधारों पर राजनीतिक उम्मीदवारों को मत देते हैं, इससे राजनीति के अपराधीकरण की प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलता है क्योंकि असाक्षर या कम पढ़े लिखे लोग आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का भी चयन कर लेते हैं। लेकिन भारत जैसे देश में मतदान का अधिकार देते समय यह नहीं देखा गया कि किसकी बुद्धि, विवेक, निर्णय प्रक्रिया का स्तर क्या है, किसी आम आदमी की राजनीतिक समझ कितनी है।

Diese Geschichte stammt aus der April 2024-Ausgabe von DASTAKTIMES.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der April 2024-Ausgabe von DASTAKTIMES.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS DASTAKTIMESAlle anzeigen
बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में
DASTAKTIMES

बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में

स्वरा का जीवन एक दिलचस्प सफर है, जिसमें फिल्मी करियर, राजनीतिक सक्रियता और व्यक्तिगत जीवन की कई अहम घटनाओं ने उन्हें मीडिया और दर्शकों के बीच खास स्थान दिलाया है। 1988 में दिल्ली के एक हिन्दू परिवार में स्वरा भास्कर का जन्म हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सीनियर स्कूल से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, स्वरा भास्कर ने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

time-read
4 Minuten  |
December 2024
ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग
DASTAKTIMES

ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग

आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। टीम इंडिया के सुपरस्टार प्लेयर ऋषभ पंत आईपीएल के नये महाराज बन गये। पंत को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिससे वह ऑक्शन के इतिहास में सबसे महंगे प्लेयर बन गए। ऋषभ पंत का दमदार प्रदर्शन उनकी छप्पड़फाड़ सैलरी की वजह बना।

time-read
6 Minuten  |
December 2024
प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श
DASTAKTIMES

प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श

स्त्री चेतना, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुप्रतिष्ठित लेखिका आकांक्षा यादव के आलेखों का संग्रह 'प्रकृति, संस्कृति और स्त्री' को पढ़ते हुए जहां हम विषयवार उनके विचारों, विवरणों और विवेचनों से प्रभावित होते हैं, वहीं हम निबंध विधा के महत्व को भी जान पाते हैं।

time-read
4 Minuten  |
December 2024
जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
DASTAKTIMES

जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान

भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।

time-read
4 Minuten  |
December 2024
संकट में पाकिस्तानी शिया
DASTAKTIMES

संकट में पाकिस्तानी शिया

2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आबादी 7.85 लाख है। इसमें 99 फीसदी पश्तून हैं। पश्तून आबादी में तुरी, बंगरा, जैमुश्त, मंगल, मुकबल, मसुजाई और परचमकानी जनजातियां हैं। तुरी और कुछ बंगश शिया हैं बाकी सब सुन्नी हैं। कुर्रम जिले में 45 प्रतिशत आबादी शिया समुदाय की है जबकि पूरे पाकिस्तान में इस समुदाय की आबादी करीब 15 फीसद है।

time-read
4 Minuten  |
December 2024
डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!
DASTAKTIMES

डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!

आज के युग में मोबाइल या लैपटॉप आम आदमी के जीवन में काफी प्रसांगिक ये हैं। लेकिन डिजिटल विकास तमाम खूबियां के साथ कुछ खामियां भी लाया है। सात समुंदर पार बैठा शख्स भी किसी से नजदीकियां बढ़ा सकता है, लेकिन इस शख्स की सोच के बारे में कोई डिवाइस नहीं बता सकती है कि वह किस श्रेणी का इंसान है। यहीं से साइबर क्राइम की शुरुआत होती है।

time-read
10 Minuten  |
December 2024
शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि
DASTAKTIMES

शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि

शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

time-read
7 Minuten  |
December 2024
कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
DASTAKTIMES

कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस

बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।

time-read
4 Minuten  |
December 2024
प्रदूषण से सांसत में जान
DASTAKTIMES

प्रदूषण से सांसत में जान

दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।

time-read
4 Minuten  |
December 2024
पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
DASTAKTIMES

पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल

पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।

time-read
2 Minuten  |
December 2024