लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के इण्डिया गठबंधन ने यूं तो महंगाई, बेरोजगारी, कथित रूप से आरक्षण समाप्त करने एवं संविधान बदलने सरीखे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। नतीजा यह रहा कि भाजपा नीत वाला एनडीए गठबंधन लगातार तीसरी बार हांफते-कांपते केन्द्रीय सत्ता में काबिज होने में सफल रहा। इस दौरान इण्डिया गठबंधन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अग्निवीर योजना की भी जमकर आलोचना की और इसे सेना में जाकर देश की रक्षा करने वाले युवाओं के साथ विश्वासघात तक करार दिया। इतना ही नहीं, संसद के पहले ही सत्र में विपक्ष ने इसी अग्निवीर योजना को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का भरपूर प्रयास किया। विपक्ष ने एनडीए में शामिल गैर भाजपा दलों को भी इस बात के लिए बाध्य कर दिया कि वे इस योजना का विरोध नहीं कर सकते तो कम से कम इसकी समीक्षा के लिए सरकार पर दबाव बनायें। हुआ भी कमोवेश ऐसा ही।
नितीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने दबे शब्दों में केन्द्र से इस योजना की समीक्षा करने की मांग कर डाली । वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना को भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण साबित करने के लिए अपना पक्ष पूरी मजबूती से रखा। प्रधानमंत्री ने तर्क दिया कि यह योजना भारतीय सेना को 'युवा' बनाने की है, लेकिन विपक्ष को यह आपत्ति थी कि सेना में मात्र चार साल सेवा देने के बाद अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा ? विपक्ष की इसी मंशा को भांपते हुए और उनके वारों को कुंद करने के लिए केन्द्र की मोदी नीत एनडीए सरकार ने आक्रामक रुख अख्तियार किया। मोदी सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद अग्निवीरों के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बलों में समायोजन की व्यवस्था का ऐलान किया । उधर, भाजपा नीत राज्य सरकारों ने भी अपने यहां पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेन्सियों में अग्निवीरों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने का ऐलान कर दिया। भाजपा सरकारों की इन घोषणाओं के बावजूद विपक्ष युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बार-बार यह घोषणा कर रहा है कि इण्डिया गठबंधन की सरकार बनते ही अग्निवीर योजना को समाप्त कर दिया जायेगा और देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने को तत्पर नौजवानों को नियमित सैनिक बनाया जायेगा।
Diese Geschichte stammt aus der August 2024-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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अब आकांक्षा पुरी संग रोमांस करेंगे खेसारी
भोजपुरी सिनेमा के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव एक बार फिर चर्चा में हैं और इस बार उनके साथ खूबसूरत अभिनेत्री आकांक्षा पुरी हैं। दोनों की एक खास तस्वीर सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है।
ऑस्ट्रेलिया में लगेगी जीत की हैट्रिक!
भारत ने आस्ट्रेलिया में पिछली दो टेस्ट सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी पर कब्जा बना रखा है, जबकि आस्ट्रेलिया ने 2015 के शुरुआत में घरेलू सीरीज में 2-0 से जीत हासिल की थी। रवि शास्त्री ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल बातचीत में कहा, जसप्रीत बुमराह फिट हैं, मोहम्मद शमी फिट हैं, आपके पास मोहम्मद सिराज भी हैं।
थम गये स्वर कोकिला के स्वर
बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी जिंदगी की कहानियां, छठ गीत और उनकी मधुर आवाज शायद ही किसी संगीतप्रेमी के मन से जा सकती है।
बॉडीगार्ड
अपने काले चश्मे से डेविड की ओर देखकर रिकी ने कहा, शिकागो से मेरा दोस्त जॉकी रॉबिन्सन यहां आने वाला है। डेविड ने स्वीकृति में अपना सिर हिला दिया। उसने मुंह से सिगार बाहर निकालकर उसकी राख को एश ट्रे में छोड़ दिया फिर उसे अपने होठों के बीच रख लिया।
परिश्रम से ही कामनाओं की प्राप्ति होगी
ऋग्वेद में प्रत्यक्ष सांसारिक कर्तव्य पालन पर ढेर सारे मंत्र हैं। कृषि कर्म समृद्धिसूचक है। पशुपालन सहज व्यवसाय है। पूर्वजों को गायें प्रिय हैं। पूर्वज उनकी सेवा करते हैं। उन पर हिंसा को अपराध बताते हैं। ऋषि का अनुरोध है 'हे मित्रों! गायों, पशुओं के पानी पीने के बहुत स्थान बनाओ।' आर्य अश्व प्रिय भी हैं। घोड़े पालते हैं।
छठी मइया आईं न दुअरिया
छठ पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूरे चार दिन तक जोश-खरोश के साथ निरंतर चलता है। पर्व के प्रारम्भिक चरण में प्रथम दिन व्रती स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे 'नहाय खाय' कहा जाता है। वस्तुतः यह व्रत की तैयारी के लिए शरीर और मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है। मान्यता है कि स्वच्छता का ख्याल न रखने से छठी मइया रुष्ट हो जाती हैं- प्रथम दिन सुबह सूर्य को जल देने के बाद ही कुछ खाया जाता है।
ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक
भारत इस ब्लॉक में सबसे सकारात्मक रवैए को लेकर चलता है लेकिन रूस और चीन के अपने हित, चिंताएं और उसके अनुरूप डिप्लोमेसी है। ब्रिक्स के वर्तमान सदस्य देशों और अन्य नए बनने वाले सदस्यों में से कई ऐसे हैं जो अमेरिका के नेतृत्व वाले वेस्टर्न ब्लॉक, नाटो, यूरोपीय संघ की सामरिक आर्थिक नीतियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। रूस और ईरान इसके विशेष उदाहरण हैं।
कोल्हान और संथाल तय करेगा झारखंड का सियासी भविष्य
कोल्हान क्षेत्र की जनता इस बार कई बड़ी हस्तियों का सियासी भविष्य भी तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इसके सबसे बड़े नजीर होंगे। पूर्णिमा दास साहू की जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत-हार सीधे उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की राजनीति पर असर पड़ेगा। वहीं पोटका से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की लड़ाई दोनों की जमीनी पकड़ परखेगी। सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम में दिखेगा यहां सरयू राय और मंत्री बना गुप्ता मैदान में हैं।
क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!
कांग्रेस हाई कमान के दोबारा हुड्डा को गद्दीनशीन करने के कदम से गैर जाट वर्ग और आक्रोशित हो गया तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में, जो पुनः हुड्डा के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, कांग्रेस को 15 सीटों तक समेट कर रख दिया। हाईकमान को अपनी गलती का आभास होने लगा तथा हाईकमान ने भजन लाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई को 2016 में दोबारा शामिल कर लिया ताकि नाराज गैर जाट वर्ग को अपने साथ जोड़ सके।
किसमें कितना दम
राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में उपचुनाव होगा। इनमें से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के चलते यह सीटें खाली हुई हैं। इस तरह देखा जाए तो सबसे अधिक दांव महागठबंन का लगा है। महागठबंधन की ओर से तीन सीटों रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से राजद, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ रही है। एनडीए की ओर से दो पर भाजपा तो एक-एक पर जदयू और हम लड़ रहे हैं।