अस्मत की सौदेबाजी
India Today Hindi|August 03, 2022
नाबालिग उम्र में बलात्कार का शिकार हुई बच्चियों को न न्याय मिला, न पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत मुआवजा
आनंद चौधरी
अस्मत की सौदेबाजी

प्रिया (बदला हुआ नाम)

जैसलमेर के पास के एक गांव की 16 साल की प्रिया (बदला हुआ नाम) एक पल के लिए भी अपनी मां का दामन नहीं छोड़ती. उसे हर पल यह डर सताता है कि मां से दूर हुई तो बलात्कारी फिर से उसे अपनी हवस का शिकार बना डालेगा. दरअसल, 18 माह पहले पास में ही रहने वाले मनोहर नाम के एक दरिंदे ने नशे की गोलियां खिलाकर प्रिया को अपनी हवस का शिकार बना डाला था. इसके बाद कई बार नशीली गोलियां खिलाकर उसने प्रिया के साथ बलात्कार किया. प्रिया गर्भवती हुई तो गर्भ गिराने के लिए भी वह किसी झोलाछाप से गोलियां ले आया. गोलियां खाते ही प्रिया के शरीर से खून बहने लगा तो वह उसे अस्पताल में पटककर भाग गया. अस्पताल प्रशासन ने प्रिया के परिजनों को सूचित किया. इसके बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने बलात्कारी को गिरफ्तार किया. बलात्कारी के परिजन आज भी प्रिया के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाते हैं. प्रिया को अभी तक पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत कोई मुआवजा नहीं मिला है, जबकि बलात्कारी मनोहर एक सप्ताह पहले ही जमानत पर छूट कर बाहर आ गया है.

कोमल (बदला हुआ नाम)

बलात्कार की एक घटना ने जोधपुर जिले की बालेसर तहसील के पास के एक गांव की बेटियों से उनका पढ़ाई का हक छीन लिया. गांव की 15 साल की कोमल के साथ उसके चचेरे भाई ने बलात्कार किया जिससे वह 6 माह की गर्भवती हो गई. पहले कोमल ने स्कूल के बच्चों पर बलात्कार का आरोप लगा दिया, पर पुलिस पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि उसके चचेरे भाई ने उसके साथ बलात्कार किया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन समाज के दबाव के चलते कोमल के पिता ने बलात्कार के इस मामले में समझौता कर लिया. नतीजतन बलात्कार का आरोपी जेल से छूटकर बाहर आ गया. समझौता होने के कारण कोमल और उसके परिजनों को मुआवजा भी नहीं मिला. इस घटना के बाद कोमल ही नहीं, गांव की अधिकतर बेटियों का स्कूल जाना बंद हो गया है.

सुमन (बदला हुआ नाम)

Diese Geschichte stammt aus der August 03, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.

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