"जीने की इच्छा मेरी भी है, पर मेरे हालात ऐसे नहीं रहे. आदमी मैं बुरा नहीं हूं. इसमें किसी की कोई गलती नहीं है. मेरी ही है. मैंने कई ऑनलाइन ऐप से लोन ले रखा है. जैसे-ट्र बैलेंस, मोबी पॉकेट, मनी व्यू, स्मार्ट कॉइन, रुफिलो. पर लोन नहीं भर पा रहा हूं. इज्जत के डर से यह कदम उठा रहा हूं...
इंदौर के अमित यादव ने यह सुसाइड नोट बीते 22 अगस्त को लिखा था. अमित अपनी पत्नी टीना और दो बच्चों के साथ 21 अगस्त की देर रात उज्जैन के महाकाल मंदिर से दर्शन करके लौटे थे. अगले दिन दोपहर तक अमित के घर का दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसियों ने इसकी सूचना उनके रिश्तेदारों को दी. दोपहर को जब घर का दरवाजा तोड़ा गया तो भीतर मौत का सन्नाटा पसरा था. अमित ने पहले अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या की और बाद में आत्महत्या कर ली. इंदौर में एक ही परिवार के चार सदस्यों की लोन ऐप की वजह से मौत का यह अकेला मामला नहीं है. आत्महत्या का ऐसा ही एक मामला इस साल अप्रैल में भी चर्चा में आया था. हैदराबाद के जियागुडा में रहने वाली कमलाम्मा के लिए 17 अप्रैल का दिन किसी बुरे सपने की तरह था. वे जब अपनी दिहाड़ी पूरी करके सुबह आठ बजे घर लौटीं तो उन्हें उम्मीद थी कि दरवाजा खटखटाने पर हमेशा की तरह उनका बेटा राजकुमार दरवाजा खोलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आधे घंटे तक कोशिश करने के बाद भी जब घर के भीतर कोई हरकत नहीं हुई तो कमलाम्मा ने पड़ोस में रह रहे अपने रिश्तेदारों को बुलाया. जब दरवाजा तोड़ा गया तो भीतर राजकुमार की लाश पंखे से लटकी हुई थी. कमलाम्मा को समझ में नहीं आ रहा था कि राजकुमार ने ऐसा जानलेवा कदम क्यों उठाया ? इस वारदात की सूचना कुलसुमपुरा पुलिस थाने को दी गई. शुरुआत में पुलिस इस में मामले को आत्महत्या का एक सामान्य मामला मानकर चल रही थी, लेकिन जब राजकुमार के फोन की जांच की गई तो माजरा कुछ और ही निकला.
Diese Geschichte stammt aus der September 07, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der September 07, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.