अयोध्या-लखनऊ हाइवे पर 25 किलोमीटर की दूरी पर सोहावल ब्लॉक की सीमा में प्रवेश करते ही दाहिनी ओर रौनाही थाना पड़ता है. यह थाना जैन श्रद्धालुओं के लिए बहुत जाना-पहचाना है. रौनाही थाने से सटी हुई एक संकरी सड़क सरयू नदी के किनारे मौजूद जैन समुदाय के प्रमुख तीर्थस्थल 'श्री 1008 भगवान धर्मनाथ दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र' की ओर जाती है. रौनाही गांव का यह इलाका 15वें जैन तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ की जन्मस्थली के रूप में पूरे विश्व में विख्यात है. अयोध्या-लखनऊ हाइवे को रौनाही गांव से जोड़ने वाली पतली सड़क पर करीब 100 मीटर चलते ही दाहिनी ओर के खेतों पर बड़ी तादाद में हो रही प्लॉटिंग इस जगह की अहमियत बताने लगती है. इसी सड़क के दूसरी तरफ धन्नीपुर गांव में शाहगदा शाह बाबा की मजार है. मजार और सड़क के बीच की जमीन कंटीले तारों से घिरी हुई है. किनारों पर प्रस्तावित मस्जिद के डिजाइन और "इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन" लिखे हुए बोर्ड बताते हैं कि इसी जमीन पर अयोध्या की बहुप्रतीक्षित मस्जिद का निर्माण होना है. पिछले एक साल से अधिक समय से यह जमीन मस्जिद निर्माण की राह तक रही है.
धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का इंतजार तब और बढ़ गया जब 1 सितंबर को अयोध्या के अग्निशमन अधिकारी राजेश्वर राय ने संकरी सड़क का हवाला देते हुए मस्जिद के नक्शे को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने से मना कर दिया. अयोध्या में अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, " धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद के परिसर में अस्पताल और रिसर्च सेंटर भी बनाया जाना प्रस्तावित है. भवनों की ऊंचाई और विभागीय मानक के अनुसार, मस्जिद के आसपास एप्रोच रोड की चौड़ाई कम से कम 12 मीटर होनी चाहिए, जबकि अयोध्यालखनऊ हाइवे से धन्नीपुर मस्जिद तक 250 मीटर लंबा संपर्क मार्ग केवल 4 मीटर 10 सेंटीमीटर ही चौड़ा है." इस प्रकार मस्जिद के निर्माण में पतली सड़क एक बड़ी बाधा के रूप में सामने खड़ी हो गई है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने अयोध्या जिला प्रशासन से सड़क को चौड़ा करने की गुहार लगाई है.
Diese Geschichte stammt aus der September 28, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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