श्रीनगर में अब बंद हो चुके ब्रॉडवे सिनेमा से सिर्फ 100 मीटर दूर एक नए खुले आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स को देखकर 80 वर्षीय विजय धर की आंखें गर्व से चमक रही हैं. टकसाल हॉस्पिटैलिटी के चेयरपर्सन धर याद करते हैं कि कैसे 1965 में उनके ससुर तीरथराम अमला द्वारा स्थापित 750-सीटों वाले ब्रॉडवे के लॉन्च को तीन सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया गया था, ताकि इसका शुभांरभ जानवर फिल्म के साथ हो. इसमें इस क्षेत्र के तब के पसंदीदा अभिनेता शम्मी कपूर मुख्य किरदार में थे. हालांकि, 1989-90 में एक उग्रवादी संगठन अल्लाह टाइगर्स ने शराब की दुकानों और सिनेमाघरों पर प्रतिबंध की घोषणा की, जिसके बाद अन्य सिनेमाघरों की तरह ब्रॉडवे भी बंद हो गया. इसके बाद हुई हिंसा में श्रीनगर की सड़कों पर ढोल-नगाड़ों की आवाज की जगह गोलियों की तड़तड़ाहट और कान के पर्दे फाड़ने वाले हथगोलों के शोर ने ले ली. एक दशक बाद, रीगल और नीलम के साथ ब्रॉडवे ने भी खतरों का सामने करने की हिम्मत की और फिर से खुले, लेकिन सितंबर 1999 में रीगल पर हमले के बाद उन्हें फिर से बंद करना पड़ा.
आज, धर, आइनॉक्स के साथ टकसाल के सहयोग से, कश्मीर का अपना पहला मल्टीप्लेक्स लेकर आए हैं जो 23 वर्षों के बाद घाटी में सिनेमा की वापसी का प्रतीक है. अमला, जिन्होंने एक वर्कशॉप की बिल्डिंग को सिनेमा हॉल में बदला था, की तरह धर को भी आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स के लिए जगह बनाने की खातिर आठ बेडरूम का अपना पारिवारिक गेस्टहाउस छोड़ना पड़ा है. घाटी की सबसे बड़ी सेना चौकी के पास स्थित तीन-स्क्रीन और 522-सीटर मल्टीप्लेक्स के साथ इस चार मंजिला इमारत की एक दीवार ब्रॉडवे से जुड़ी हुई है. घर कहते हैं कि सिनेमा के लिए इतना त्याग तो बनता था. वे बात आगे बढ़ाते हैं, "उनके (कश्मीरवासियों) के पास कुछ भी नहीं है. घाटी के अधिकांश लोगों ने बड़े पर्दे पर कभी कोई फिल्म नहीं देखी." धर इसे बदलना चाहते हैं. हालांकि वे जानते हैं कि कश्मीर के सिनेमा हॉल के बाहर हाउसफुल का बोर्ड देखना अभी भी एक दूर का सपना है.
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