कसौली के नामी पाइनग्रोव स्कूल में 25 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई शूटिंग रेंज के उद्घाटन के मौके पर पांच निशाने लगाए. लेकिन, वे पांचों में चूक गए. राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री कई परियोजनाओं के उद्घाटन में जुटे हैं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे ठाकुर इस बार वह हासिल करने की कोशिश में हैं जो यहां कोई मुख्यमंत्री नहीं कर सका है- यानी लगातार दोबारा जनादेश पाना.
हिमाचल में नवंबर के पहले पखवाड़े में चुनाव हो सकते हैं और इसके नतीजों का ठाकुर से ज्यादा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पर असर होगा. यह उनका गृह राज्य है और चुनाव उनका कार्यकाल समाप्त होने से ठीक दो महीने पहले होने वाला है. चर्चा है कि पार्टी प्रमुख के रूप में नड्डा के कार्यकाल का विस्तार संभव है या उन्हें दूसरा कार्यकाल भी मिल सकता है. ऐसे में यहां प्रतिकूल परिणाम उनके लिए भारी होंगे. अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में संभावित चुनाव अधिसूचना से पहले प्रचार अभियान को अंतिम रूप देने के लिए वे 2 अक्तूबर को ही हिमाचल पहुंच गए. यहां उन्होंने कुछ ऐसे उम्मीदवारों से बात की, जिन्हें मुमकिन है कि इस बार मैदान में न उतारा जाए.
चुनावी राज्यों में मुख्यमंत्री बदलने की भाजपाई प्रथा को बदलते हुए नड्डा हिमाचल में ठाकुर का समर्थन कर रहे हैं. भाजपा नेताओं का मानना है कि राज्य में हिंदुत्ववादी झुकाव और मतदाताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से पार्टी को लगातार दूसरी बार जीतने में मदद मिलेगी. मोदी 5 अक्तूबर को मशहूर दशहरा मेले के लिए कुल्लू में थे. पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने इस समारोह में शिरकत की. भाजपा को इससे राज्य में हिंदू-समर्थक भावनाओं में उछाल की उम्मीद है.
Diese Geschichte stammt aus der October 19, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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