कारों का काफिला जैसे ही हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सड़क से नीचे उतरता है, फूल-मालाओं से का लदीं कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अपने समर्थकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कार से उतरती हैं. छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, घुमारवीं सीट से पार्टी के उम्मीदवार राजेश धर्मानी के लिए प्रचार करने यहां पहुंची हैं. बिलासपुर प्रतिद्वंद्वी भाजपा का गढ़ है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा का घर भी. इसलिए कांग्रेस इस क्षेत्र में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रही है. पार्टी ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, शायद यही वजह है कि प्रतिभा सिंह चुनाव अभियान में अपनी तरफ से अतिरिक्त प्रयास कर रही हैं. अगर कांग्रेस जीतती है तो मुख्यमंत्री पद के लिए वे प्रमुख दावेदार होंगी.
राज्य विधानसभा के 68 सदस्यों को चुनने के लिए 12 नवंबर को मतदान होना है. 1985 के बाद से किसी भी पार्टी ने दोबारा जनादेश हासिल नहीं किया है जिससे कांग्रेस की उम्मीदों को बल तो मिलता है लेकिन इस चुनाव में उसे वीरभद्र सिंह और उनके संगठनात्मक कौशल की कमी विशेष रूप से खटकेगी. हिमाचल चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए अहम हैं. कांग्रेस काफी समय से देश में लगातार चुनाव हारती आ रही है और हिमाचल से वह अपनी हार पर विराम लगाने की उम्मीद कर रही होगी. यह पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए भी एक शानदार स्वागत उपहार होगा. वहीं, भाजपा के नड्डा, जिन्होंने जनवरी में पार्टी प्रमुख के रूप में दूसरे कार्यकाल / विस्तार पर नजर गड़ा रखी है, के लिए हिमाचल का अनुकूल परिणाम उनकी दावेदारी को मजबूत करेगा.
Diese Geschichte stammt aus der November 16, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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