सरकारी अस्पताल में डॉक्टर पिता महावीर प्रसाद और सलीके वाली गृहिणी मां के घर जन्मे रजत अग्रवाल स ने 1989 में जयपुर के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. ज्यादातर पढ़ाई उन्होंने हिंदी माध्यम से और वह भी सरकारी स्कूलों से की थी. वे मेधावी और लगनशील छात्र थे. सरकारी अस्पताल में होने की वजह से पिता का बार-बार राजस्थान के अलग-अलग जिलों में तबादला होता रहता था. अंत में वे जयपुर में आकर बस गए, जहां वे स्वास्थ्य निदेशक थे. पिता को इस तरह से एक शहर से दूसरे शहर में डोलते देख परिवार की और रजत की यही राय बनी कि सरकारी नौकरी खोजने की बजाए अपना कोई कारोबार स्थापित किया जाए.
उसी उधेड़बुन में पहला उद्यम यह था कि उन्होंने जयपुर के बाहरी छोर पर एक लाख रुपए में 35 बीघा खेती लायक जमीन खरीदी. पूसा इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों से बात करने के बाद उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले बीज मंगाए और आधुनिक कृषि तकनीक के साथ खेती में हाथ आजमाना शुरू किया. जैसे नतीजे की उम्मीद थी, वैसा ही हुआ. फसल बहुत उम्दा हुई जिसकी कमाई से उन्होंने होल्स्टीन नस्ल की दस गाएं भी खरीद लीं.
Diese Geschichte stammt aus der November 30, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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