बढ़ती महंगाई, आय पर दबाव, आसमान छूते खर्चों ने घर के बजट को तहस-नहस कर दिया है. मुंबई में रहने वाले रमेश त्रिपाठी ने 2021 में अपना 50वां जन्मदिन समारोह बहुत सीधे-सादे ढंग से मनाया क्योंकि उनकी पत्नी, दो किशोर बच्चों और 78 वर्षीया मां सहित पांच लोगों का परिवार अपने जीवन पर कोविड के प्रभाव से जूझ रहा था. अनिश्चितता के दौर ने उनके वित्तीय भंडार को काफी कम कर दिया था. वे याद करते बताते हैं, "मैं होम लोन चुका रहा था और दूसरा लैपटॉप खरीदने के लिए पर्सनल लोन भी ले रखा था, क्योंकि मेरी बेटी को अपनी ऑनलाइन क्लास चलाने के लिए लैपटॉप की जरूरत थी." उन्होंने कोई पहली बार कर्ज नहीं लिया था, लिहाजा वे इसके फायदों को समझते हैं.
एक समय ऐसा था जब त्रिपाठी परिवार अपनी आय का लगभग 60 फीसद हिस्सा कर्ज अदायगी पर खर्च करता था. उन्होंने घर, कार, और कुछ गैजेट्स के लिए क लिया था और अपना खर्च चलाने के लिए थोड़े समय के लिए पर्सनल लोन भी लिया था. उनके बड़े बेटे ने ग्रेजुएशन करने के लिए एजुकेशन लोन लिया था, लेकिन महामारी के घर जमाने के साथ ही उन्हें रोजगार पाने में उम्मीद से ज्यादा देरी हो गई. दूसरे परिवारों की ही तरह उनका परिवार भी अक्सर आर्थिक बोझ से जूझता रहता है, खर्च चलाने के लिए बचत पूरी नहीं पड़ती.
इस बीच, बेंगलूरू में रहने वाले 24 वर्षीय आदित्य शेट्टी को पे-डे लोन से तो राहत मिली है, जो एक उधार देने वाले ऐप पर उपलब्ध है. वे उस ऐप के कसीदे पढ़ते रहते हैं. उन्होंने 2022 की शुरुआत से हर महीने कर्ज लिया. वे पे-डे लोन पर अपनी निर्भरता को सही ठहराते हुए कहते हैं, "पिछले दो साल में कोई वेतन वृद्धि नहीं होने और बढ़ते खर्चों की वजह से मुझे लगता है कि मेरी बचत महीने के अंत से पहले चुक गई है. मैं अपने मां-बाप से पैसे नहीं मांगना चाहता. " पे-डे लोन उस कामकाजी वर्ग के लोगों के लिए होते हैं, जिन्हें अपना गुजारा पूरा करने में परेशानी होती है और महीने के आखिर में अक्सर उनके हाथ खाली रहते हैं.
Diese Geschichte stammt aus der November 30, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der November 30, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.