राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उस समय नई दिल्ली में थे जब सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने 'एजुकेशन प्रोटेक्शन फोरम' के बैनर तले तिरुवनंतपुरम में राजभवन के बाहर राज्य के “शिक्षा संस्थानों का भगवाकरण" करने के खान के कथित प्रयासों के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया. इस प्रदर्शन के दौरान माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "केरल अकेला राज्य है, जहां किसी व्यक्ति के साथ जाति-धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि सिर्फ इंसान की तरह व्यवहार किया जाता है. भाजपा केरल की विशिष्ट पहचान को नष्ट करने की कोशिश कर रही है लेकिन हम इन काली ताकतों से अंत तक लड़ेंगे."
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी इस बीच उन अन्य दलों के साथ एक साझा मुद्दा बनाने की कोशिश में है जो राज्यपालों द्वारा निर्वाचित सरकारों के कामकाज में दखल का विरोध कर रहे हैं. केरल में ऐसी लड़ाई लगभग साल भर से चल रही है. इस दौरान खान ने कई मुद्दों पर पिनाराई विजयन सरकार को निशाने पर लिया है. इन मुद्दों में तस्करी समेत बहुत से मुद्दे शामिल हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई उस पर है जिसे खान राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों में "भाई-भतीजावाद" कहते हैं.
Diese Geschichte stammt aus der December 07, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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