वे कहां गायब हो गए, मिलेंगे या नहीं, इसकी चिंता अब रही कहां. अब तो हम इस बात को लेकर परेशान हैं कि हम लोग जिंदा बच पाएंगे या नहीं. पैसे मांगने वाले हमें मार डालेंगे, या फिर हम लोग टेंशन से ही मर जाएंगे. पैसे मांगने आने वाले ऐसी-ऐसी गंदी बातें मेरे और मेरी बेटी के बारे में बोलते हैं, हम नहीं पाते. बर्दाश्त नहीं कर पाते... यह बोलते-बोलते पूजा देवी फफक-फफक कर रोने लगती हैं. जमुई शहर की पूजा देवी यहां अपने पति चंद्रभूषण प्रसाद के लापता होने की बात कर रही हैं.
जमुई में सर्राफे की एक दुकान चलाने वाले चंद्रभूषण प्रसाद दो नवंबर को बनारस गए। थे और तब से उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिल रही. पूजा देवी बताती हैं कि चंद्रभूषण के लापता होने की खबर फैलते ही उनके पास ऐसे लोगों की बाढ़ आ गई है, जो यह दावा कर रहे हैं कि उनके पति ने उन लोगों से पैसे उधार लिए हैं. वे कहती हैं, "अब तक जितने लोग पैसे मांगने आए हैं, अगर सबको जोड़ दिया जाए तो ऐसा लगता है कि मेरे पति ने 14-15 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है. वे एक व्यापारी आदमी हैं, पैसों का लेन-देन लगा रहता है, मगर लोगों से इतने पैसे उधार ले लेंगे, यह बात मुझे सच नहीं लगती. हद से हद उन्होंने 10-15 लाख रुपए उधार लिए होंगे." पूजा देवी आगे दावा करती हैं, "मुझे तो लगता है मेरे पति को इन लोगों ने ही गायब करा दिया है और अब ये लोग संपत्ति के लोभ में मुझे और मेरे तीन बच्चों को भी जीने नहीं देंगे."
पूजा देवी की बातें इसलिए डराती हैं, क्योंकि जिस नवंबर महीने में जमुई शहर में यह कारोबारी परिवार उधार देने वालों की प्रताड़ना का शिकार हो रहा है, उसी महीने बिहार में दो अन्य व्यवसायी परिवारों ने कर्ज और साहूकारों के आतंक की वजह से सामूहिक खुदकुशी कर ली है. पहली घटना नवादा जिले में घटी, जहां एक फल व्यापारी के परिवार में सभी छह सदस्यों ने जहर खाकर जान दे दी. वहीं सिवान में एक दर्जी अपनी दो बेटियों के साथ इसलिए फांसी पर लटक गया, क्योंकि उस पर 12 लाख रुपए का कर्ज था. इसे चुकाने के लिए साहूकार लगातार उस पर दबाव डाल रहे थे.
Diese Geschichte stammt aus der December 07, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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