सीमा पर बुनियादी ढांचे की किलेबंदी
India Today Hindi|December 14, 2022
हिमालय से लगती सीमा पर भारत ने रणनीतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण की रफ्तार दोगुनी कर दी है ताकि इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे चीन की बराबरी की जा सके
प्रदीप आर. सागर
सीमा पर बुनियादी ढांचे की किलेबंदी

अप्रैल 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जब भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) लंबे समय तक एक-दूसरे के सामने डटे हुए थे, इस बात को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया था कि चीनी इसलिए तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे थे, ताकि कम से कम समय में सीमाओं पर भारी संख्या में सैनिकों और साजो-सामान को तैनात कर सकें. एलएसी के साथ पूर्वोत्तर में मैकमोहन रेखा पर चीन की बढ़ती गतिविधि पर भारत की प्रतिक्रिया बहुत धीमी थी, लेकिन 2014 के बाद इसमें तेजी आई, जब एनडीए सरकार ने बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई उपाय किए. इस प्रकार, 2008 से 2014 तक जहां 7,270 मीटर पुलों का निर्माण किया गया था, वहीं 2014 और 2020 के बीच 14,450 मीटर निर्माण पूरा हुआ. इसी तरह, 2008 और 2014 के बीच 3,610 किलोमीटर सीमावर्ती सड़कों का निर्माण किया गया, जबकि 2014 से 2020 के दौरान 4,764 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं. भारतीय सेना का मानना है कि इससे एलएसी के अग्रिम तैनाती क्षेत्रों में संपर्क बेहतर हुआ है और भारतीय सेना गश्त को और अधिक गहन बनाने में सक्षम हुई है. सेना की दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंच और गश्त बढ़ने के परिणामस्वरूप ही हाल के वर्षों में पीएलए के साथ लगातार झड़पें हो रही हैं.

उत्तरी सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी.एस. हुड्डा कहते हैं, “एलएसी के भारतीय हिस्से में सड़क निर्माण हमेशा संकट पैदा करता है क्योंकि इससे भारतीय गश्ती दल की पहुंच बढ़ती है. और यह बात हमेशा चीनी सेना को परेशान करती है. "दरअसल, मई 2020 में, पीएलए के अचानक आक्रामक होने की बड़ी वजह भारत द्वारा 255 किलोमीटर की ऊंचाई वाली दारबुक - श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएस- डीबीओ) सड़क का निर्माण तेज करना था. यह सड़क लेह को काराकोरम दर्रे से जोड़ती है जो चीन के लिए संवेदनशील है. इस पर गतिरोध अभी समाप्त नहीं हुआ है, पर चीन के साथ लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में और तेजी है. अतीत से कड़वा सबक सीखने के बाद, सेना का जोर अब चीनियों की टक्कर की सड़कें, आवास, पुल, हेलीपैड और हवाई पट्टी बनाने पर है. चीन भी अपनी उन्नत तैयारियों को और तेज करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.

Diese Geschichte stammt aus der December 14, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der December 14, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
सबसे अहम शांति
India Today Hindi

सबसे अहम शांति

देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं

time-read
1 min  |
January 15, 2025
एक गुलदस्ता 2025 का
India Today Hindi

एक गुलदस्ता 2025 का

अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.

time-read
4 Minuten  |
January 15, 2025
मौन सुधारक
India Today Hindi

मौन सुधारक

आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

time-read
10+ Minuten  |
January 15, 2025
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
India Today Hindi

हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर

भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं

time-read
5 Minuten  |
January 15, 2025
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
India Today Hindi

स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा

time-read
6 Minuten  |
January 15, 2025
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
India Today Hindi

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही

time-read
5 Minuten  |
January 15, 2025
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
India Today Hindi

ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे

स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है

time-read
5 Minuten  |
January 15, 2025
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
India Today Hindi

अब ग्रीन भारत अभियान की बारी

देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए

time-read
6 Minuten  |
January 15, 2025
टकराव की नई राहें
India Today Hindi

टकराव की नई राहें

हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत

time-read
5 Minuten  |
January 15, 2025
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए‍ उचित माहौल
India Today Hindi

महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए‍ उचित माहौल

यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है

time-read
6 Minuten  |
January 15, 2025