राजस्थान में गैंगवार पहले भी होते रहे हैं, लेकिन जो कुछ 3 दिसंबर को सीकर में हुआ, वैसा यहां पहले कभी नहीं देखा गया. पांच बंदूकधारियों ने दिन-दहाड़े राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट को उसी के घर के सामने अंधाधुंध फायरिंग करके मार दिया. उसके शरीर से 25 गोलियां निकाली गईं. सीकर के एक छोटे से गांव से निकले राजू के खिलाफ हत्या, फिरौती, अपहरण, हत्या की साजिश और आर्म्स एक्ट सहित कुल 34 मुकदमे दर्ज थे. तीन महीने पहले ही जमानत पर रिहा होकर आए 52 साल के राजू के करीबी लोग बताते हैं कि वह अब अपराध की दुनिया से मुंह मोड़ने की तैयारी कर चुका था. पर कहते हैं ना कि अतीत कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ता, राजेंद्र उर्फ राजू ठेहट की कहानी इसी बात की तस्दीक करती है.
सीकर की पिपराली रोड पर राजू ठेहट का घर है. इससे कुछ मीटर दूर एक नामी कोचिंग संस्थान है. इस रास्ते पर छात्रों की चहलपहल लगी रहती है. कोचिंग संस्थान की वर्दी पहने दो लड़कों ने जब 3 दिसंबर को राजू के घर की बेल बजाई और राजू ने खुद दरवाजा खोला. दोनों लड़कों ने उससे कुछ बात की और सेल्फी खींचने के लिए पूछा. जेल में लंबा समय बिताने के बाद राजू धीरे-धीरे इन चीजों का अभ्यस्त हो रहा था. अब वह नेताओं की तरफ सफेद कपड़े पहनना शुरू कर चुका था. वह सामाजिक आयोजनों में जाया करता और सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय था. उसके करीबी बताते हैं कि उसका मन दांतारामगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का भी था.
Diese Geschichte stammt aus der December 21, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"