एयर इंडिया एयरबस और बोइंग से अनुमानित 70 अरब डॉलर (5.8 लाख करोड़ रुपए) में 470 नए विमान खरीदेगा. इसे विमानन इतिहास में सबसे बड़ी विमान खरीद बताया जा रहा है. अपने बेड़े के लिए कंपनी की जिन जहाजों की खरीद पर नजर थी, ये जहाज उन्हीं कंपनियों से और सूचीबद्ध कीमतों पर खरीदे जा रहे हैं. विमानन क्षेत्र में बड़े ऑर्डर पर आमतौर पर भारी छूट मिलती है, इसलिए सौदे की अंतिम कीमत अलग हो सकती है. एयर इंडिया विमानन बाजार के लीडर इंडिगो को चुनौती देने की तैयारियों पर आगे बढ़ रहा है तो वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिगो भी 300 विमान खरीदने की अपनी उस योजना को तेजी से आगे बढ़ा सकता है जो कोविड के कारण रुक गई थी. रनवे पर अपना दबदबा बढ़ाने की ये सारी महत्वाकांक्षी योजनाएं उस समय सामने आ रही हैं जब कई बड़े कारक इस क्षेत्र में विस्तार की बड़ी योजनाओं के खिलाफ जाते हैं: दुनिया के कुछ हिस्सों में ईंधन की कीमतें बहुत ऊंची हो गई हैं, भू-राजनीतिक तनाव और मंदी के रुझानों के कारण विमान कंपनियों के लिए आगे एक प्रतिकूल साल की आशंका जताई जा रही है.
470 जहाजों के इस बड़े ऑर्डर के अलावा, एयर इंडिया के पास भविष्य में बोइंग से और 70 विमान खरीदने का भी विकल्प है, जिससे नए सौदे में विमानों की कुल संख्या 540 हो जाएगी. ब्लूमबर्ग के अनुसार, 2011 में अमेरिकन एयरलाइंस द्वारा 460 जहाजों का एकमुश्त ऑर्डर पिछला सबसे बड़ा विमान सौदा था. एयर इंडिया ने यह खुलासा नहीं किया है कि वह इस सौदे के लिए धन का इंतजाम कैसे कर रहा है. हालांकि, दुनिया भर में एयरलाइंस कंपनियां बिक्री और फिर उसे पट्टे पर देने (सेल ऐंड लीजबैक) मॉडल का पालन करती हैं, जहां कोई एयरलाइन आकर्षक कीमत पर विमानों का अधिग्रहण करती है और फिर उन्हें मुनाफे के साथ पट्टेदार को बेच देती हैं और फिर अपने खुद के उपयोग के लिए वापस पट्टे पर लेती हैं. एयर इंडिया में भी यही तरीका अपनाया जाएगा.
Diese Geschichte stammt aus der March 01, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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