![तालाबों पर खूबसूरती का खू खतरा ! तालाबों पर खूबसूरती का खू खतरा !](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1677236097/articles/9DCfdk8vS1677500977694/1677501218296.jpg)
दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर के यूरोपियन गेस्ट हाउस की ऐतिहासिक और खूबसूरत इमारत के सामने ढाई एकड़ में फैला एक बड़ा सा तालाब है. लगभग सौ साल पुराना यह तालाब अक्सर परिसर में घूमने-फिरने वालों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है. पिछले साल विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे और सुंदर बनाने के ख्याल से इस तालाब की अंदरूनी दीवार (कछार) के किनारे ईंटें लगवा दीं. ईंटों की कुछ कतारें उसकी पेटी के हिस्से में भी बिछा दी गई थीं. मगर सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया अब विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए मुसीबत की वजह बन गई है. प्रशासन बहुत मेहनत से लगी इन ईंटों को अब उखड़वा रहा है.
दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता नारायणजी चौधरी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए प्रशासन को तालाब के किनारे से ईंटें उखाड़ने का आदेश दिया है. एनजीटी के मुताबिक, अगर विश्वविद्यालय तालाब को सुंदर बनाना चाहता है तो वह उसके किनारे पेड़ लगाए और उसकी कछार पर ईको पार्क बनवा ले. मगर वहां ईंट, बालू या कंक्रीट का कोई काम न करवाए. मिट्टी के कटाव रोकने के लिए तालाब के किनारे घास भी लगवाई जा सकती है.
एनजीटी का यह फैसला आने वाले दिनों में तालाब और दूसरे जलस्रोतों के सौंदर्यीकरण के मामले में एक मानक बन सकता है. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सिर्फ दरभंगा विश्वविद्यालय के इस तालाब में ही नहीं, इस वक्त देश के हजारों तालाबों में सौंदर्यीकरण इसी तरह चल रहा है.
आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की थी. इसके तहत देश के हर जिले में 75 तालाब बनाने का लक्ष्य रखा गया है. बिहार में अब तक ऐसे 804 तालाबों का निर्माण हो चुका है. मिशन की गाइडलाइन के मुताबिक, तालाबों के सौंदर्यीकरण पर सरकारी पैसा खर्च नहीं होगा. लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने पैसे से घाट और दूसरी चीजें बनवाना चाहे तो बनवा सकता है, इसमें सीएसआर का पैसा भी खर्च हो सकता है. इसी नाम पर ज्यादातर तालाबों को सीमेंट से घेरा जा रहा है या फिर विश्वविद्यालय के तालाब की तरह उनके कछार और तली पर ईंटें जमाई जा रही हैं.
Diese Geschichte stammt aus der March 08, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der March 08, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
तन्हाई में तारों से बातें
पूर्वा नरेश ने दोस्तोएव्स्की की कहानी व्हाइट नाइट्स के अपने म्यूजिकल रूपांतरण चांदनी रातें में नौटंकी शैली का उपयोग किया
![धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/qNiEvMoj_1739798778622/1739799025940.jpg)
धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी
विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालीं तीरअंदाज शीतल देवी लोगों की नई पसंद हैं. पुरुष-महिला क्रिकेटर तो खैर शीर्ष पर हैं ही. सिंधु और नीरज भी अपनी सूची में दूसरों से काफी आगे रहते हुए चोटी पर
![पक्ष में सबसे ज्यादा योग पक्ष में सबसे ज्यादा योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/1KjgoeYER1739797917636/1739798047739.jpg)
पक्ष में सबसे ज्यादा योग
आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![कुछ तो पक रहा है कुछ तो पक रहा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LTVA_wBh-1739799397242/1739799499364.jpg)
कुछ तो पक रहा है
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ने फिल्म मिसेज में दमदार काम किया है, जो 2021 की मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की हिंदी रीमेक है
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![हमारे गेहुंएपन का स्वीकार हमारे गेहुंएपन का स्वीकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LlGFceKe51739799217629/1739799396270.jpg)
हमारे गेहुंएपन का स्वीकार
एक मजहब का धर्म रु चुनने की प्रक्रिया के बहाने हमें सहिष्णुता और स्वीकार के सार्वभौमिक धर्म की सीख दे जाती है एडवर्ड बर्गर की कॉन्क्लेव
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर