उस लाइब्रेरी के विशाल कक्ष में जगह-जगह जली हुई किताबें थीं. इनके अलावा बच्चों की आंसर शीट, उनके सर्टिफिकेट और अन्य कागजात भी जहां-तहां बिखरे थे. वह नालंदा जिले में स्थित बिहार शरीफ के 127 साल पुराने मशहूर अजीजिया मदरसे की लाइब्रेरी थी, जिसे एक धार्मिक जुलूस ने 31 मार्च को जला दिया. उस दोमंजिला विशाल कक्ष के दूसरी छोर की तरफ एक अलमारी अभी भी खड़ी थी. उससे धुआं निकल रहा था और उसके निचले रैक पर एक चिंगारी भी सुलग रही थी.
रामनवमी शोभायात्रा के दिन, 31 मार्च को अजीजिया मदरसे की लाइब्रेरी पूरी तरह जला दी गई. "यहां से करीब 10-12 किमी की दूरी पर पुराना नालंदा विश्वविद्यालय है. हमने हिस्ट्री की किताब में पढ़ा है कि बख्तियार खिलजी ने वहां की लाइब्रेरी में आग लगा दी थी. उसमें कई जरूरी किताबें जल गई थीं. मगर हमने कभी सोचा नहीं था कि हम अपने ही शहर की इस लाइब्रेरी को इस तरह जलते हुए देखेंगे. खिलजी तो विदेशी था. वह हमारे देश को लूटने आया था. मगर यहां हमारे अपने देश के लोगों ने किताबों पर गुस्सा उतारा है." लाइब्रेरी को दिखाने के लिए हमें लेकर गए 18-19 साल के बारहवीं पास एक लड़के ने जब यह कहा तो लगा कि जैसे वह एक जिंदा इतिहास के निर्मम दौर को महसूस कर रहा हो. मदरसे के प्रिंसिपल मोहम्मद शाकिर कासमी के मुताबिक, उस लाइब्रेरी में धार्मिक और यूनानी- तिब्बी इलाज की 250 हस्तलिखित और दुर्लभ पांडुलिपियों समेत तकरीबन 4,500 किताबें थीं, जो सबकी सब जल गईं.
अजीजिया मदरसा के सेक्रेटरी मुख्तारुल हक बताते हैं, "उस रोज शहर में रामनवमी की शोभायात्रा निकल रही थी और हमारे रमजान के दिन थे. इफ्तार का वक्त हो गया था. अचानक शहर के गगन दीवान कब्रिस्तान के पास कोई झड़प हुई, हंगामा हुआ और फिर उग्र भीड़ वापस हुई तो वह इस मदरसे तक आ गई. जबकि यह मदरसा उस शोभायात्रा के लिए तय रूट में नहीं था. जब भीड़ मदरसे के गेट तक पहुंची तो यहां हमारे एक नेपाली गार्ड मोहन बहादुर के सिवा कोई नहीं था. उसने बताया कि भीड़ काफी उग्र थी और गेट के ग्रिल को तोड़ने की कोशिश कर रही थी. गार्ड ने हमें भी फोन किया. लोग अंदर घुसे तो पहले गार्ड पर हमला किया, मगर उसने खुद को हिंदू बताकर किसी तरह अपनी जान बचाई और भागा."
Diese Geschichte stammt aus der April 19, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der April 19, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.