राजस्थान का सियासी मौसम पिछले तीन दशक से थार के रेतीले टीलों की तरह बदलता रहा है. रेतीले टीले जिस तरह अपनी जगह बदलते रहते हैं, इसी तरह राजस्थान के मतदाता भी पांच साल बाद प्रदेश में सरकार बदल देते हैं. उसी का नतीजा है कि 1993 के बाद से प्रदेश में किसी भी पार्टी की सरकार दोबारा नहीं आ पाई. पर इस बार सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस चलन के बदलने को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं. वे कहते हैं, "राजस्थान में इस बार सरकार बदलने की परंपरा बदलने वाली है. यहां कांग्रेस सरकार की वापसी होगी. लोगों का मूड हमारे पक्ष में है और हमारी सरकार के खिलाफ कोई एंटी इनकंबेंसी भी नहीं है. हम महंगाई राहत कैंप और बेहतरीन योजनाओं के दम पर सत्ता में वापसी करेंगे."
पर विपक्षी भाजपा मुख्यमंत्री के इन दावों को खारिज करती है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी. पी. जोशी का कहना है, "पांच साल तक गहलोत सरकार ने जनता को कोई राहत नहीं दी, अब जनता ने तय कर लिया है कि वह इस सरकार को किसी तरह की राहत नहीं देगी सरकार का जाना तय है. गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप नहीं बल्कि आहत कैंप हैं. सरकार को अभी महंगाई की क्यों याद आ रही है?"
Diese Geschichte stammt aus der May 17, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der May 17, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.