नं.1 डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस, क्राइस्ट, बेंगलूरु
क्राइस्ट (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के रिसेप्शन एरिया में रखा इन्फॉर्मेशन कियोस्क, यहां के ऑनलाइन नोटिस बोर्ड, कॉन्फ्रेंस रूम के तय कार्यक्रम और यहां तक कि प्रवेश प्रक्रिया का भी कुछ हिस्सा - ये सब यहां के छात्रों के विकसित किए गए ऐप के इस्तेमाल से चलते हैं. इन ऐप को यहां के कंप्यूटर साइंस विभाग के बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशंस (बीसीए) कोर्स के तीसरे साल के छात्रों ने विकसित किया है. 1990 में स्थापित यह विभाग आज चहल-पहल से भरे कैंपस में अपनी डिजिटल छाप छोड़ रहा है. विभाग प्रमुख डॉ. अशोक इमैनुएल वी. कहते हैं, "ढेरों छात्र अब मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने को उत्सुक हैं." वे बताते हैं कि हाल में नेशनल एसेसमेंट ऐंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी या नैक) के दौरे के वक्त आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन की जगह अब टैबलेट ने ले ली है, जिसमें बीसीए के तीन छात्रों के हाथों विकसित ऐप पहले से लोड थे. इमैनुएल कहते हैं, “हमने तो दूसरे विभागों को भी ऐप दिए. यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि थी."
Diese Geschichte stammt aus der July 05, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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ठोकने की यह कैसी नीति
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अब आई मगरमच्छों की बारी
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