इससे ठीक एक हफ्ते पहले राज्य विधानसभा ने एसजीपीसी के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी थी. इसमें अनिवार्य किया गया था कि स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का बिना विज्ञापन निर्बाध प्रसारण हो और इसे दुनियाभर के सभी मीडिया प्लेटफार्मों को मुफ्त उपलब्ध कराया जाए. मान ने यह कहते हुए इस कदम को उचित ठहराया कि यह गुरबानी के प्रसारण को 'आधुनिक मसंदों' के अनुचित नियंत्रण से मुक्त कर से देगा. मसंदों को सिख धर्म के शुरुआती दौर में धार्मिक कार्यों के लिए लोगों से उनकी आय का दसवां हिस्सा एकत्र करने के लिए नियुक्त किया जाता था. आज के मसंद से उनका इशारा शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) प्रमुख सुखबीर बादल और उनके विश्वासपात्रों की तरफ था. (2012 में एसजीपीसी ने स्वर्ण मंदिर से गुरबानी प्रसारित करने का विशेष अधिकार बादल के नियंत्रण वाले पीटीसी नेटवर्क को दे दिया था. यह समझौता जुलाई में समाप्त हो रहा है.)
हालांकि, एसजीपीसी में ही कई लोगों ने पहले भी और 26 जून को विशेष सत्र के दौरान भी गुरुद्वारा निकाय के कामकाज खासकर इस पर बादल परिवार के नियंत्रण को लेकर सवाल उठाए थे, लेकिन आप सरकार के इस कदम की सख्त आलोचना में सभी गुट एकजुट नजर आए. उन्होंने इसे सीधे तौर पर संस्था के कामकाज और ब्रिटिश काल से ही चले आ रहे कानून के प्रावधानों में दखलंदाजी करार दिया.
बहरहाल, सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023, 19-20 जून को संपन्न दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पंजाब विधानसभा से पारित एकमात्र विवादास्पद कानून नहीं है. इसका मकसद तो खैर अकाली दल को और भी ठिकाने लगाना है, जो कि बादल परिवार की अगुआई में पहले ही अपने सबसे खराब दौर में जा पहुंचा है. पर दो अन्य विधेयक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और दूसरे संवैधानिक संस्थानों के साथ मान सरकार के सीधे टकराव के हालात पैदा करने वाले हैं. इनमें पहला तो है पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2023, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को दरकिनार कर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन और नियुक्ति संबंधी एक स्वतंत्र व्यवस्था बनाने से जुड़ा है. यह स्थिति तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में यूपीएससी की तरफ से अनुमोदित तीन अधिकारियों के पैनल से डीजीपी नियुक्त करने की प्रक्रिया निर्धारित की थी और 2019 के अपने फैसले में राज्यों से ऐसे 'स्थानीय ' कानून बनाने से परहेज करने को कहा था.
Diese Geschichte stammt aus der July 12, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der July 12, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
सनसनीखेज सफलता
पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"