यही कोई 11 साल धमाल मचाने के बाद एक नाटक रिटायर हो रहा है. पर विदाई की कहानी उसके आगाज से. सूत्रधार स्टेज पर आकर शुरू होता है: विलियम भाई शेक्सपियर ने एक नाटक लिखा था बारहवीं रात. उसको जरा मैंने अपने स्टाइल में लिखा है. नाउ, आइ विल टेल यू बेसिक-सी कहानी. एक था राजा, एक थी रानी. अब राजा पड़ गया रानी के प्यार में. राजा ने प्रपोज किया और आइडिए लगाए पचास. लेकिन रानी के रियल ब्रदर का हो गया स्वर्गवास. अब एक दिन एक लड़की लड़का बनके आ गई राजा के दरबार में राजा ने रख लिया उसको मैसेंजर महल से लेके रानी के घर तक डेली पैसेंजर. अब ये सॉफ्ट-सा लड़का रानी के दिल को भा गया और लड़के का दिल राजाजी पे आ गया. तो ये बन गया मोहब्बत का ट्राएंगल. मुंबई के कंपनी थिएटर ग्रुप का म्यूजिकल नाटक पिया बहरूपिया सवा दो घंटे तक इसी अदा-ओ-अंदाज में चलता जाता है. दर्शक लंदन के ग्लोब थिएटर के हों, चिली के, चीन, क्यूबा, ऑस्ट्रेलिया के या फिर, दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरू या भोपाल के. कर्टेन कॉल होने तक मंदस्मित मुस्कान और दांत निपोरने से लेकर लोटपोट और लहालोट होने की परिभाषाओं में उनके चेहरे की मांसपेशियों को पढ़ा जाता रहा है. गुदगुदाने की इसी ताकत के बूते इसने भाषा और जबान की सीमाओं को तोड़ते हुए हर उम्र और तबके के दर्शकों को आगोश में ले लिया. उसी का नतीजा था कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रैवल करने वाले हिंदुस्तानी नाटकों में से एक बन गया. 11 साल के बाद रिटायर होने की कड़ी में अब यह छह शहरों के आखिरी सफर पर है. मुंबई, बेंगलूरू, दिल्ली, पुणे और वडोदरा के बाद अहमदाबाद में 30 जुलाई को यह अपने फैन्स को खिलखिलाने का आखिरी मौका देगा. वैसे जी5 ओटीटी पर यह उपलब्ध रहेगा.
Diese Geschichte stammt aus der July 26, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
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