मणिपुर फाइल्स
179* लोगों की जान गई *सुरक्षा बलों के चार जवान, 1 नगा और एक अज्ञात की जान गई
60,152 लोग विस्थापित
350 राहत शिविर
40,000 लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे
3,662 घर जलाए गए
321 धर्मस्थल जलाए गए
161 कंपनियां केंद्रीय बलों की तैनात
10,243 मामले बलवा, दंगा, कत्ल और बलात्कार के दर्ज. बलात्कार का उल्लेख सिर्फ एक एफआइआर में
हरी-भरी शानदार नगा पहाड़ियों में बसा चुड़ाचांदपुर खूबसूरत, शांत और सुरम्य हुआ करता था. आज, वह त्रासद गृहयुद्ध का खूनी मैदान बना हुआ है, जिसकी लपटों में मणिपुर पिछले तीन महीनों से झुलस रहा है. कुकी जनजाति बहुल चुड़ाचांदपुर इंफाल से 60 किलोमीटर दूर है, जो राज्य की राजधानी है और वहां दूसरे अहम समुदाय मैतेई की बड़ी आबादी बसती है. दोनों प्रमुख जिलों को जोड़ने वाली अहम धमनी राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 2 अब दोनों समुदायों के बीच अप्रत्याशित और बदसूरत नियंत्रण रेखा में बदल गई है. मैतेई इलाकों से लेकर कुकी इलाकों तक राजमार्ग की तरफ जाने वाली एक के बाद एक सड़कें उजाड़ घरों के जले हुए. अवशेषों और फूंके गए वाहनों से अटी पड़ी हैं. जगह-जगह कई चेकपोस्ट और बंकर उभर आए हैं, जहां राइफलधारी लोग पहरा देते रहते हैं, ताकि "दुश्मन इलाके" का कोई वाहन उनके भूभाग में दाखिल न हो सके.
Diese Geschichte stammt aus der August 09, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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परदेस में परचम
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भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
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निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
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अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
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बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.