प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक, एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50, बार-बार नई ऊंचाई छू रहे हैं. जाहिर है आजकल सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल है: क्या यह निवेश करने का माकूल मौका है, खासकर जब बाजार तेजी पर हो ? पिछले 44 वर्ष में, जबसे सेंसेक्स डेटा आसानी से उपलब्ध है, यह बिल्कुल साफ है कि जो निवेशक इस दौड़ में शामिल रहेंगे, वे पैसा कमा सकते हैं. जिन निवेशकों ने 1979 में निवेश किया था, जब सूचकांक 100 पर था, आज उनके पैसे का मूल्य 6,500 गुना से भी ज्यादा हो गया है. कोई आशावादी व्यक्ति बाजार में किसी तरह पैसा गंवा नहीं सकता बशर्ते वह अपने निवेश अनिश्चितकाल के लिए बनाए रखे.
तेजड़िया या बुल मार्केट को उस समय की अवधि के रूप में परिभाषित किया जाता है जब प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक आम तौर पर बढ़ रहे होते हैं और अंततः नई ऊंचाई पर पहुंच जाते हैं. लेकिन बुल मार्केट की कई दूसरी परिभाषाएं हैं और विशेषज्ञ बाजार की बदलती स्थितियों के आधार पर बुल रन की अपनी परिभाषा बदलते रहते हैं. तो, एक वर्ग का मानना है कि जब बाजार सूचकांक निचले स्तर से 20 फीसद की बढ़त हासिल कर ले तो यह बुल रन है. कुछ लोग इसे एक ऐसे चरण के रूप में वर्णित करते हैं कि जब शेयर बाजार के सभी क्षेत्रों (सेक्टरों और बाजार पूंजीकरण) में लाभ होता है. ये सभी परिभाषाएं अभी बिल्कुल स्पष्ट नहीं हो सकतीं क्योंकि प्रभावी रूप से, तेजी का दौर खत्म होने के बाद ही डेटा के आधार पर उसे बयान किया जा सकता है.
बेहद बुनियादी स्तर पर देखें तो निवेश आपकी जोखिम सहनशीलता और समय सीमा के आधार पर आपके पैसे को बढ़ाने का एक तरीका है. अगर आप इस खेल में दिलचस्पी रखने वाले विशेषज्ञों की बात ध्यान से सुनें, तो उनमें से ज्यादातर घोर आशावादी हैं और ज्यादातर का मानना है कि स्टॉक, बॉन्ड या कमोडिटी में निवेश से आपको लाभ हो सकता है. विभिन्न परिसंपत्ति (ऐसेट) वर्गों पर नजर रखने में अपनी विशेषज्ञता की बदौलत वे खास तरह की चेतावनियों के साथ ऐसे विचार रखते हैं, जो तब तक ठीक है जब तक आप उन्हें जानने के लिए एक बिंदु बनाते हैं. उसके बाद आप यह पता लगाते हैं कि कौन सा परिसंपत्ति वर्ग या निवेश आपके लिए कारगर रहेगा.
Diese Geschichte stammt aus der August 30, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der August 30, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं
एक गुलदस्ता 2025 का
अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.
मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए
टकराव की नई राहें
हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है