चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में आजकल राजनेताओं और बाबाओं की खूब छन रही है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों के अनेक प्रमुख नेता अपने चुनावी फायदे के लिए लोगों की आस्था को भुनाने के उद्देश्य से बाबाओं का सहारा लेने की जुगत में लगे हैं.
मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले धर्म और राजनीति की ऐसी घनिष्ठता शायद ही कभी देखने को मिली हो. कुछ स्थापित हिंदू धर्मोपदेशकों से लेकर नए-नए उभरते हुए बाबाओं तक, न जाने कितने उपदेशक राज्य भर में घूम रहे हैं, और अपने राजनैतिक मेजबानों के अनुरोध पर प्रवचन में व्यस्त हैं. उनके धार्मिक प्रवचन किसी चुंबकीय ताकत की तरह आयोजनों में बेतहाशा लोगों की भीड़ जुटाते हैं. और नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बढ़त की लालसा रखने वाले राजनेताओं के लिए यह भीड़ किसी अनमोल दौलत से कम नहीं है.
अमूमन भाजपा पर हिंदू राष्ट्रवाद का सहारा लेने का आरोप लगता है, लेकिन यहां दिलचस्प बात यह है कि इन बाबाओं का चुनावी इस्तेमाल केवल भाजपा नेता नहीं कर रहे. बल्कि अपने विरोधियों का मुकाबला करने के लिए 'नरम हिंदुत्व' अपनाने वाली कांग्रेस के नेता भी इस होड़ में पीछे नहीं हैं.
छतरपुर के बागेश्वर धाम के रहस्यमय धर्मगुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन बाबाओं में सबसे आगे हैं. शास्त्री उस समय काफी सुर्खियों में रहे थे जब नागपुर के एक तर्कवादी संगठन ने उनके कथित चमत्कारों को चुनौती दी थी. आगामी चुनाव लड़ने का इच्छुक हर राजनेता अब बाबा बागेश्वर से आशीर्वाद लेने और उन्हें अपने पक्ष में खड़ा दिखाने की होड़ में लगा है. शायद केवल लहार विधायक और विपक्षी नेता डॉ. गोविंद सिंह को छोड़कर, जो राजनीति को धर्म से अलग रखने की वकालत करते हैं.
पिछले माह के शुरू में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के निमंत्रण पर शास्त्री छिंदवाड़ा पहुंचे थे. तब विधानसभा में छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करने वाले कमलनाथ और लोकसभा में इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले उनके बेटे नकुल ने आरती उतारकर उनका स्वागत किया था.
Diese Geschichte stammt aus der September 13, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der September 13, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही