सत्ता पक्ष में रहकर विपक्ष की भूमिका
India Today Hindi|September 20, 2023
अगस्त की 24, 25 और 26 तारीख को बिहार में शिक्षकों की स्थाई भर्ती को लेकर एक बड़ी परीक्षा आयोजित हुई. शिक्षकों के 1.7 लाख पदों के लिए आठ लाख से अधिक अभ्यर्थी इसमें शामिल मगर दिलचस्प है कि इस राज्य सेवा वाली भर्ती में बिहार के नियोजित शिक्षक अमूमन शामिल नहीं हुए.
पुष्यमित्र
सत्ता पक्ष में रहकर विपक्ष की भूमिका

जिन नियोजित शिक्षकों ने भाग लिया भी, वे वर्तमान पद से उच्च पद के लिए दावेदारी कर रहे थे. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि बिहार सरकार उनके लिए अलग से परीक्षा का आयोजन कराएगी या कोई और रास्ता निकालेगी. यह भरोसा उन्हें महागठबंधन में शामिल दल भाकपा-माले की वजह से हासिल हुआ है.

टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय कहते हैं, "पहले सरकार हमसे भी इस परीक्षा में भाग लेने के लिए कह रही थी. सरकार का कहना था कि अगर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा चाहिए तो उन्हें इस परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा. मगर भाकपा-माले ने जिस तरह से हमारे मुद्दे को उठाया और महागठबंधन में शामिल दूसरे दलों को समझाया, उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी हमारी मांगों से सहमत होना पड़ा."

बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल भाकपा-माले की यह बड़ी जीत है और इस तरह पार्टी ने अपने आपको राज्य में एक ऐसे दल के रूप में स्थापित कर लिया है, जो सत्ता में रहते हुए जनता के जायज मुद्दों पर सड़क पर उतर कर संघर्ष करती है और अपनी मांगें मनवा लेती है. उन्हें इसके लिए राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर भरोसा नहीं है.

यही वजह थी कि 13 जुलाई, 2023 को जब भाजपा ने इन शिक्षकों के मुद्दे पर विधानसभा घेराव का आयोजन किया तो उनके साथ राज्य का कोई शिक्षक संघ नहीं पहुंचा. वहीं दो दिन पहले भाकपा-माले समर्थित विधानसभा घेराव में राज्य के लगभग सभी शिक्षक संघ के लोग शामिल थे. राज्य के 14 शिक्षक संघ ने भाकपा-माले को अपना समर्थन दिया था और भाकपा-माले विधायक संदीप सौरभ ने इस आंदोलन की अगुआई की. बाद में 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा-माले के सौरभ और गठबंधन के दूसरे साथियों से बात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि वे जरूर कोई न कोई रास्ता निकालेंगे.

Diese Geschichte stammt aus der September 20, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der September 20, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
शब्द हैं तो सब है
India Today Hindi

शब्द हैं तो सब है

शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर

time-read
1 min  |
September 25, 2024
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
India Today Hindi

अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब

दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?

time-read
5 Minuten  |
September 25, 2024
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
India Today Hindi

डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई

नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी

time-read
8 Minuten  |
September 25, 2024
सनसनीखेज सफलता
India Today Hindi

सनसनीखेज सफलता

पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी

time-read
10+ Minuten  |
September 25, 2024
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
India Today Hindi

ममता के लिए मुश्किल घड़ी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है

time-read
5 Minuten  |
September 25, 2024
ठोकने की यह कैसी नीति
India Today Hindi

ठोकने की यह कैसी नीति

सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा

time-read
7 Minuten  |
September 25, 2024
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
India Today Hindi

अग्निपरीक्षा की तेज आंच

अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार

time-read
8 Minuten  |
September 25, 2024
अराजकता के गर्त में वापसी
India Today Hindi

अराजकता के गर्त में वापसी

केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं

time-read
7 Minuten  |
September 25, 2024
अब आई मगरमच्छों की बारी
India Today Hindi

अब आई मगरमच्छों की बारी

राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"

time-read
3 Minuten  |
September 25, 2024
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
India Today Hindi

नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए

सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"

time-read
5 Minuten  |
September 25, 2024