एक छोटे से पंडाल में, जिसका शामियाना भी नीचे की तरफ लटक रहा है, प्रशांत किशोर पांच सौ से अधिक लोगों की भीड़ को संबोधित कर रहे हैं.
उनके सामने प्लास्टिक की कुर्सियों पर जितने पुरुष बैठे हैं, लगभग उतनी ही औरतें भी हैं. कई बच्चे औरतों और बुजुर्गों की गोद में हैं और नौजवान शामियाने के बाहर खड़े होकर वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं. प्रशांत किशोर कह रहे हैं, "आपने जात के नाम पर वोट दिया, धर्म के नाम पर वोट दिया, मगर कभी अपने बच्चों के भविष्य के नाम पर वोट नहीं दिया. जिस रोज आप अपने बच्चों के नाम पर वोट देना सीख जाएंगे, इस देश की राजनीति भी ठीक हो जाएगी, बिहार भी बदलने लगेगा और आपका भी भविष्य संवरेगा. इसलिए आप बच्चों की पढ़ाई, सेहत और रोजगार के नाम पर वोट डालना सीखिए, मैं बस यही समझाने यहां आया हूं और एक साल से पूरे बिहार में पदयात्रा कर रहा हूं."
मुजफ्फरपुर जिले के 'महना टाडा' गांव में हो रही इस सभा में तालियां स्वीकारने के बाद प्रशांत किशोर अपनी आगे की पदयात्रा पर निकल पड़ते हैं. उसी भीड़ में अपनी पोती के साथ सुनयना देवी भी शामिल हैं, जो पूछने पर कहती हैं, "बहुत बढ़िया कहते हैं, बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के लिए कहते हैं. हम लोगों के पास तो एक्को धूर खेती नहीं है. अपना जिंदगी तो जैसे-तैसे गुजरा, बाल बच्चा नहीं पढ़ेगा तो उसका भी यही हाल होगा. स्कूल का बेबस्था तो ठीक होना ही चाहिए. अगर ई चुनाव में खड़ा हुए तो इनके साथ देंगे." वहीं एक बुजुर्ग इसरी लाल साह अपना समर्थन जताते हुए कहते हैं, "सब कोई को इन्हीं को भोट गछना चाहिए. बहुत बढ़िया बोलते हैं."
चुनावी रणनीतिकार के रूप में भरपूर ख्याति अर्जित कर चुके प्रशांत किशोर ने पिछले साल मई महीने में अपना पारंपरिक काम छोड़कर जनसुराज अभियान की स्थापना की थी. तब उन्होंने इस अभियान का मकसद बिहार में राजनैतिक जागरूकता और आर्थिक आजादी को बताया. 2022 में ही महात्मा गांधी की जयंती के दिन उन्होंने चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से जनसुराज पदयात्रा की शुरुआत की और तय किया कि वे इस यात्रा के जरिए बिहार के सभी 38 जिलों तक पैदल पहुंचेंगे. वे सभी विधानसभा और राजनैतिक महत्व के गांवों तक जाएंगे और लोगों से मिलेंगे और जनसुराज अभियान की टीम को मजबूत करेंगे.
Diese Geschichte stammt aus der October 11, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der October 11, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं