2 सितंबर से लेकर 3 अक्तूबर तक उन्होंने हर दिन औसतन 50-60 काले पत्थरों के फीते काटे. कई जगह तो उन्होंने एक साथ 40-50 शिलापट्टों के फीते काट शिलान्यास और लोकार्पण किए. इस दौरान आंजना और उनके समर्थकों को इतनी भी फुरसत न मिली कि वे इन काले शिलापट्टों का सलीके से उद्घाटन कर सकें. अधिकतर जगहों पर तो इन शिलापट्टों को जमीन पर बेतरतीब बिछाकर फीते काटे गए. स्थानीय व्यवसायी मोहन लाल गायरी कहते हैं, “मंत्री महोदय ने पांच साल काम किया होता तो आज उन्हें एक साथ इतने फीते काटने की नौबत न आती. अब तो वे बस फीते काट रहे हैं."
ऐसा करने आंजना अकेले मंत्री नहीं हैं. राजस्थान के अधिकतर मंत्री इसी काम में जुटे हैं. सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री टीका राम जूली से लेकर आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल भी काले पत्थरों से जीत की राह पक्की करने में जुटे हैं. असल में, चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ये मंत्री मतदाताओं को लुभाने के लिए तेजी से शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं. राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए बहुत कम समय बचा है. चुनावों की तिथियों के ऐलान के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी. फिर मंत्रीगण न तो किसी योजना का उद्घाटन, शिलान्यास वगैरह न कर सकेंगे, न ही सरकारी आयोजन कर पाएंगे.
Diese Geschichte stammt aus der October 18, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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