इतिहास को इज्राएल में खुद को दोहराने की खौफनाक आदत है. 1967 के छह दिन के युद्ध की असाधारण कामयाबी की धूप सेंकते इज्राएल की नींद में तब खलल पड़ा जब 6 अक्तूबर, 1973 को मिस्र और सीरिया ने यहूदियों के सबसे पवित्रतम दिनों में से एक यौम किप्पूर पर उसके खिलाफ हमले शुरू कर दिए थे. हालांकि इज्राएल ने हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और खोई जमीन फिर हासिल कर ली पर प्रधानमंत्री गोल्डा मायर को इस जबरदस्त खुफिया नाकामी की कीमत चुकानी पड़ी जब अगले साल संसदीय चुनाव में उनकी पार्टी बहुमत गंवा बैठी.
अब ठीक 50 साल बाद जब इज्राएल 2020 में चार अरब देशों के साथ अब्राहम समझौते पर दस्तखत करने के सिलसिले में सऊदी अरब के साथ बेहद अहम समझौता करने वाला था, 7 अक्तूबर को वह गजा के फलस्तीनी भूभाग पर नियंत्रण करने वाले उग्रवादी राष्ट्रवादी गुट हमास के बड़े आतंकी हमले से असावधान और हैरान पकड़ा गया. इज्राएली आबादी के बड़े ठिकानों पर मौत और तबाही बरसाते हुए हमास ने 5,000 से ज्यादा मिसाइलें दागीं और जमीन व समुद्र से भी हमले कर दिए. हमास के अभूतपूर्व हमले में 1,200 से ज्यादा इज्राएली मारे गए और 2,700 घायल हुए.
इज्राएली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया कि उनका देश युद्ध लड़ रहा है और इज्राएल डिफेंस फोर्स (आइडीएफ) ने हमास के अनगिनत ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले शुरू कर दिए. आबादी से ठसाठस भरी गजा पट्टी में तबाही मच गई. आइडीएफ के जवाबी हमलों के पहले महज चार दिनों में 1,100 से ज्यादा लोग मारे गए और 5,000 से ज्यादा लहूलुहान हुए. 500 से ज्यादा रिहायशी इमारतें जमींदोज हो गईं और करीब 2,50,000 लोग बेघर हो गए. साथ इज्राएल ने गजा के खिलाफ ईंधन, भोजन और बिजली की नाकेबंदी का ऐलान कर दिया. हालांकि, गजा पर हमला खत्म होने के बाद इज्राएल के नागरिक इस जबरदस्त खुफिया नाकामी के लिए नेतन्याहू को आड़े हाथों जरूर लेंगे, पर फिलहाल विपक्षी पार्टियां हमास को सबक सिखाने के लिए राष्ट्रीय एकता सरकार में शामिल होने के लिए राजी हो गईं.
Diese Geschichte stammt aus der October 25, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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