दुनिया भर में कोविड महामारी की दस्तक से ठीक पहले 2019 में भुवनेश्वर नगर निगम के वार्ड नंबर 37 की गृहिणी मिनती सबत ने तय किया कि वे जिंदगी में 'कुछ बेहतर' करना चाहती हैं. साबत ने 13 महिलाओं को अपने साथ जोड़कर ओम साई राम स्व-सहायता समूह (एसएचजी) बनाया. शुरुआत में उन्होंने ओडिशा सरकार के मिशन शक्ति विभाग के मार्गदर्शन में सिलाई की इकाई लगाई, पर कुछ ही महीनों के भीतर यह उन नौ एसएचजी में थी, जिनका चयन उस क्षेत्र स्तरीय फेडरेशन (एएलएफ) बनाने के लिए किया गया था जिसे स्वयं श्रद्धा महिला महासंघ के नाम से जाना जाता है.
महासंघ की 120 सदस्यों में से 16 अब भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में मिलेट शक्ति आउटलेट या दुकान चलाती हैं, जिसकी बहुत मांग है. यह आउटलेट मिशन शक्ति और मिशन मिलेट पहलों का संयुक्त उद्यम है. इसकी स्थापना 12 जनवरी, 2023 को हुई जब पुरुषों का हॉकी विश्व कप चल रहा था. इस दुकान पर मोटे अनाजों पर आधारित पके हुए और ड्राइ आइटम मिलाकर कुल 32 चीजें मिलती हैं. साथ ही यहां पर रोजाना औसतन 200 ग्राहक आते हैं.
मोटे अनाजों की इस दुकान का मासिक टर्नओवर अब 5-6 लाख रुपए है. सबत कहती हैं, "हम महीने में औसतन 3 लाख रुपए मुनाफा कमाते हैं, जो हम 16 लोगों में बंटता है." फिलहाल यह दुकान कलिंग स्टेडियम की बगल में एक छोटी-सी जगह में है. सरकार अब इस इकाई के ऊपर ज्यादा बड़ा मिलेट मिशन कैफे खोल रही है. पूरे कैफे को संभालने की संभावना से सबत की साथियों के चेहरों पर मुस्कान और बढ़ जाती है.
Diese Geschichte stammt aus der January 31, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der January 31, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई