![डीआरडीओ के सामने वजूद का संकट डीआरडीओ के सामने वजूद का संकट](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1708322735/articles/TBR1Lvumx1708501183336/1708501638101.jpg)
वरिष्ठ रक्षा वैज्ञानिकों का एक समूह के. विजयराघवन की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सूरत बदलने के प्रयासों से नाखुश है. इस तथ्य में कोई दोराय नहीं है कि देश में रक्षा अनुसंधान से जुड़ा प्रमुख संगठन कुछ व्यवस्थागत खामियों से घिरा है, जिसका नतीजा परियोजनाओं में अत्यधिक देरी और लागत बेतहाशा बढ़ने के तौर पर सामने आता है.
हालांकि, अग्नि तथा प्रलय मिसाइलें, हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस और अर्जुन टैंक के विकास जैसी महत्वपूर्ण सफलताएं हमारे सामने हैं, लेकिन विलंबित परियोजनाओं की भी सूची अच्छी-खासी लंबी है, जिसमें एलसीए मार्क-2 और एलसीए नेवी एयरक्राफ्ट, एयरो इंजन कावेरी और तापस बीएच-201 ड्रोन प्रमुख हैं. फरवरी 2023 में रक्षा मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी कि 'मिशन मोड प्रोजेक्ट' में शुमार उच्च प्राथमिकता वाली 55 परियोजनाओं में से 23 निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं. ऐसा माना जा रहा कि करीब 50 प्रयोगशालाओं और 30,000 से ज्यादा कर्मचारी क्षमता वाले इस संगठन ने रक्षा अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना बंद कर दिया है, और खुद को अन्य क्षेत्रों तक विस्तारित कर बहुत सारी परियोजनाएं अपने हाथ में ले ली हैं. सरकार चाहती है कि डीआरडीओ में सुधारों को लागू करके रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल के जरिये आयात पर देश की अत्यधिक निर्भरता घटाई जाए. सरकार रक्षा निर्यात के मोर्चे पर भी बड़ा बदलाव चाहती है जिसे 2025 तक 35,000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है.
पूर्व में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम समिति (1992), पी. रामाराव समिति (2008) और वी. रामगोपाल राव समिति (2020) जैसी कई उच्चस्तरीय समितियां भी डीआरडीओ को अधिक जवाबदेह और पेशेवर बनाने के उपाय सुझाकर स्थितियां सुधारने के प्रयास कर चुकी हैं. इसी क्रम में अगस्त 2023 में नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से गठित पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजयराघवन की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति को भविष्य की प्रौद्योगिकी के अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करने और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को गति देने के लिए अकादमिक/स्टार्ट-अप और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के उपाय सुझाने का जिम्मा सौंपा गया.
Diese Geschichte stammt aus der February 28, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
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![रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/V1y3fpEIW1739185336590/1739185578189.jpg)
रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी
कहते हैं उपनिषदों का ज्वलंत ज्ञान सबके लिए नहीं है. वजहः यह बुद्धि मात्र की यानी सिर्फ बौद्धिक उपलब्धि नहीं बल्कि शरीर पर उसके निरंतर गहन अभ्यास से आप वहां तक पहुंचते हैं. लेकिन संगम में स्नान के लिए वे विभूतियां भी आती हैं जो तमाम सांसारिक आकर्षणों से दूर हो चुकी हैं.
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तगड़ा झटका
दरअसल, दंडकारण्य के घने जंगलों में, जहां पत्तों की हर सरसराहट के साथ शिकार और शिकारी के बीच की सीमा रेखाएं धुंधली पड़ जाती हैं, अभी-अभी वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ देश की लंबे वक्त से चल रही लड़ाई का एक नाटकीय अध्याय लिखा गया.
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क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर
कभी औद्योगिक शहर की पहचान रखने वाला मोकामा आखिर नब्बे के दशक में कैसे बना बिहार का क्राइम कैपिटल? अपनी बदनाम छवि से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा यह शहर हाल में गुटों के बीच भारी गोलीबारी से एक बार फिर दहला
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बढ़िया, संतुलित कदम
अब जब बाहरी दुनिया में अनिश्चितता दिख रही है तो 2025 के बजट में कुछ बेहद आवश्यक आश्वासन दिए गए हैं, साथ ही राजकोषीय विवेक की सीधी और संकरी राह का अनुसरण किया गया है
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आइसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर जसप्रीत बुमरा ने 2024 में इतने रिकॉर्ड तोड़े कि गिने न जाएं. अव्वल तेज गेंदबाज पाने भारत की दुआएं रंग लाईं. और अब तो वे एक कदम आगे बढ़कर खेल के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज बन गए
![किताबें, किरदार और ककड़ी किताबें, किरदार और ककड़ी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/Gbo_ZsIlR1739184011878/1739184202227.jpg)
किताबें, किरदार और ककड़ी
बाकी के रूटीनी मेलों से कितना अलग होता है किताबों और थिएटर के उत्सव-जलसों का मिजाज! जरूरत की या लक्जरी चीजों को खरीदने-बेचने के हड़बोंग से हटकर यहां दिखती है अपने भीतरी सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की बेचैनी (संदर्भ: प्रगति मैदान में दिल्ली विश्व पुस्तक मेला; राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भारंगम). थोड़ा सजग रहें तो कई गुदगुदाते वाकयों से भी आप गुजरते हैं.
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छिड़ गया सत्ता संघर्ष
कश्मीर के बडगाम में गणतंत्र दिवस पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के अध्यक्ष नजीर अहमद खान के तिरंगा फहराने के दौरान एक नामौजूदगी साफ नजर आई. जिले के चारों विधायक उस समारोह से नदारद रहे.
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पिछड़ों की परवाह
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने 4 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया, जिसमें एक प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि राज्य के महत्वाकांक्षी जात सर्वेक्षण की तर्ज पर पूरे देश में जाति गणना कराई जाए. हालांकि, गोपनीयता संबंधी चिंताएं जाहिर करते हुए विस्तृत रिपोर्ट पेश किए बिना ही प्रस्ताव को पारित कर दिया गया.
![ममता पर उत्तर पड़े अखाड़े में ममता पर उत्तर पड़े अखाड़े में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/K8mZQ7w711739183441045/1739183681656.jpg)
ममता पर उत्तर पड़े अखाड़े में
कभी ग्लैमरस अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने के बाद शुरू हुआ बखेड़ा. अखाड़ों में बढ़ते वैभव के चलते लगा महामंडलेश्वर बनने का चस्का
![देसी स्वाद की देवी देसी स्वाद की देवी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/HjN39pO1J1739184202164/1739184315583.jpg)
देसी स्वाद की देवी
रेस्तरां मालिक ऋतु डालमिया लंबे वक्त की अपनी साथी माइकेला टेडसन के साथ हाल ही हुई शादी के बाद घर में खुशियों का मजा ले रही हैं