बना दिया बात का बतंगड़
India Today Hindi|April 17, 2024
वास्तव में, भारतीय जनता पार्टी का मकसद कच्चातिवु को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना है, और इसके जरिए खासकर विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों द्रमुक और कांग्रेस पर निशाना साध उन्हें मुश्किल में डालना है
प्रदीप आर. सागर
बना दिया बात का बतंगड़

अभी तकरीबन महीने भर पहले 23-24 फरवरी को ही तो कच्चातिवु द्वीप में 4,000 से अधिक भारतीयों ने सालाना सेंट एंथनी उत्सव में हिस्सा लिया था और लगभग उतनी ही संख्या में श्रीलंकाई श्रद्धालु भी उपस्थित थे. मछुआरों के पूज्य संत के भोज के लिए श्रीलंकावासियों ने भोजन, पीने का पानी और साफ-सफाई की सुविधाएं मुहैया कराईं. मगर, अचानक आम चुनाव के पहले भारत के शीर्ष नेताओं की ओर से इस द्वीप को लेकर उठाए विवाद से शायद वे सभी हैरान रह गए होंगे.

भारत और श्रीलंका के बीच 1974 के समुद्री समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और सिरिमा आर. डी. भंडारनायके ने दस्तखत किए थे. उसके मुताबिक, दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा को पाक जलडमरूमध्य से एडम ब्रिज, कच्चातिवु तक सीमांकित किया गया. कच्चातिवु 1.9 वर्ग किलोमीटर का निर्जन और बंजर द्वीप है, जो तमिलनाडु के रामेश्वरम के भारतीय तट से लगभग 14 समुद्री मील और उत्तरी श्रीलंका से 10.5 समुद्री मील की दूरी पर स्थित पाक जलडमरूमध्य में लंका की समुद्री सीमा में आता है. समझौते के तहत, भारतीयों को सेंट एंथनी दिवस पर कच्चातिवु के चर्च में जाने की अनुमति है. उस द्वीप पर श्रीलंकाई संप्रभुता को मान्यता देने के बाद 1976 के समझौते में श्रीलंका ने कन्याकुमारी के पास जैव विविधता से समृद्ध समुद्र के 10,000 वर्ग किमी क्षेत्र वाले वाज बैंक पर भारतीय संप्रभुता को मान्यता दी थी.

भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलै ने हाल में तमिल भावनाओं को भड़काकर चुनावी मुद्दा तैयार करने के लिए यह आरोप उछाला कि इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने कच्चातिवु को श्रीलंका को 'सौंप दिया.' तो, फौरन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 31 मार्च को इस मुद्दे को उठा दिया. एक्स पर उन्होंने यह भी लिखा कि इससे 'द्रमुक का दोहरा चरित्र भी खुल गया है.' वे यह इशारा कर रहे थे कि कच्चातिवु को जब कथित तौर पर सौंपा गया, तब द्रमुक के नेता एम. करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे. लेकिन बाद में, मौजूदा मुख्यममंत्री एम.के. स्टालिन सहित द्रमुक नेताओं ने हाल के वर्षों में द्वीप को लेकर चिंता व्यक्त की है.

Diese Geschichte stammt aus der April 17, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der April 17, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
लीक से हटकर
India Today Hindi

लीक से हटकर

मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे

time-read
4 Minuten  |
January 01, 2025
खूबसूरत काया का जलवा
India Today Hindi

खूबसूरत काया का जलवा

भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया

time-read
3 Minuten  |
January 01, 2025
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
India Today Hindi

खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना

शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है

time-read
3 Minuten  |
January 01, 2025
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
India Today Hindi

छलकने लगे मस्ती भरे दिन

यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं

time-read
3 Minuten  |
January 01, 2025
डिस्को का देसी अंदाज
India Today Hindi

डिस्को का देसी अंदाज

घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया

time-read
4 Minuten  |
January 01, 2025
जिस लीग ने बनाई नई लीक
India Today Hindi

जिस लीग ने बनाई नई लीक

लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है

time-read
2 Minuten  |
January 01, 2025
आनंद की विरासत
India Today Hindi

आनंद की विरासत

विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है

time-read
3 Minuten  |
January 01, 2025
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
India Today Hindi

जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन

सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल

time-read
2 Minuten  |
January 01, 2025
जब मौन बन गया उद्घोष
India Today Hindi

जब मौन बन गया उद्घोष

एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।

time-read
2 Minuten  |
January 01, 2025
बताने को मजबूर हुए बाबू
India Today Hindi

बताने को मजबूर हुए बाबू

जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई

time-read
3 Minuten  |
January 01, 2025