केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला के एक असावधानी भरे बयान ने भाजपा को गुजरात में मुश्किल में डाल दिया है. रूपाला ने बीते महीने वाल्मीकि समाज के एक कार्यक्रम में कहा कि अंग्रेजों ने जहां भारतीयों का दमन किया, वहीं रियासतों के सदस्य उन्हीं के सामने झुक गए और उनसे गठजोड़ किया. यहां तक कि उन्होंने अपनी बेटियों की शादी भी साम्राज्यवादियों से कर दी. रूपाला ने दलित समुदाय का महिमामंडन करते हुए कहा कि दलितों ने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके. वाल्मीकि भी इसी समुदाय में हैं. राजकोट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने कहा, “दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार किए गए, मगर वे झुके नहीं. " रूपाला के उस बयान ने उन्हें उनके लक्षित श्रोताओं को लुभाने में भले मदद की हो (या शायद नहीं भी) मगर यह क्षत्रिय समुदाय को कतई पसंद नहीं आया. दरअसल, क्षत्रिय समुदाय उन पूर्व राजघरानों का हिस्सा रहा है.
इस मुद्दे ने तूल पकड़ा तो रूपाला के साथ भाजपा भी क्षत्रियों के निशाने पर आ गई. फिर केंद्रीय मंत्री ने बार-बार सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा, “मैंने जो कहा मेरा वह मतलब कभी नहीं था. यह मेरे लिए बड़े अफसोस की बात है कि मेरे मुंह से ऐसी बातें निकलीं." मगर क्षत्रियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने रूपाला की माफी को चुनावी हथकंडा बताया. वे लोकसभा चुनाव की रूपाला की उम्मीदवारी को वापस लेने से कम पर तैयार नहीं हैं.
Diese Geschichte stammt aus der April 24, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
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