अलीगढ़ में विपक्षी दलों की सुस्त चुनावी सरगर्मियों के बीच 13 अप्रैल को अचानक राजनैतिक तापमान बढ़ गया था. सुबह करीब 10 बजे से आगरा रोड पर मौजूद कैलाश फार्म पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कार्यकर्ता पहुंचने लगे थे. सभी कार्यकर्ता पहली बार बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के उत्तराधिकारी और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को सुनने को बेताब थे. अलीगढ़ की इस चुनावी जनसभा के लिए तय समय तो दोपहर दो बजे का था लेकिन एक घंटे पहले ही सभा स्थल कार्यकर्ताओं से भर गया था. दो बजने के बाद तपती दोपहरी में आकाश का इंतजार करते लोग 'बहन मायावती जिंदाबाद' के नारे लगाकर माहौल को बोझिल होने से बचा रहे थे. दो घंटे के इंतजार के बाद शाम करीब चार बजे आकाश आनंद का काफिला जैसे सभा स्थल पर पहुंचा, सभी अपनी जगह पर खड़े हो गए; "आकाश तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं.", "मायावती जिंदाबाद" जैसे नारे गूजने लगे. फुर्ती के साथ मंच पर पहुंच कर आकाश मायावती की तरह ही हाथ हिलाकर मौजूद लोगों का अभिवादन करते हैं. आकाश का हेयर स्टाइल और एक कान में चमकता टॉप्स भी बसपा समर्थकों को आकाश में मायावती की ही झलक दे रहा था. सफेद शर्ट और गहरे नीले रंग की पैंट पहने आकाश के गले में पड़े सफेद पटके पर नीले रंग में हाथी का निशान था. स्वागत के बाद आकाश संबोधन के लिए एक तरफ खासकर उनके लिए ही लगे पोडियम पर पहुंच गए. हाथ में पकड़े टैबलेट को पोडियम पर रखा. कुछ देर शांत हुए और फिर जोर से 'जय भीम' का नारा लगाया. आकाश अपनी बुआ मायावती को अपना प्रेरणास्रोत बताते हैं और बताते हैं कि कैसे 'बहन जी' ने चार बार मुख्यमंत्री रहने के दौरान बहुजन समाज के उत्थान के लिए काम किया.
Diese Geschichte stammt aus der May 01, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der May 01, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई