![आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1716789080/articles/sOGBcFoJZ1716802081974/1716802521853.jpg)
अप्रैल के अंत में दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली के दौरान पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था और आदिवासियों की भीड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ध्यान से सुन रही थी. उन्होंने कहा, “कांग्रेस 60 वर्षों में राष्ट्रपति पद के लिए एक भी आदिवासी नेता नहीं ढूंढ पाई..." उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली अपनी सरकार में द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद पर काबिज होने से लेकर आदिवासियों के लिए किए गए दूसरे कई काम गिनाए. हालांकि, भीड़ उनकी बातों से ज्यादा सहमत नहीं दिखी.
देश में अब सैकड़ों वनवासी और खानाबदोश समुदायों को 'आदिवासियों' की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है. भारत की कुल आबादी में आदिवासियों की हिस्सेदारी 8.6 फीसद है. वे देश के अधिकांश प्राकृतिक संसाधनों के रक्षक भी हैं. आदिवासी कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहे हैं, लेकिन भाजपा काफी समय से उसमें सेंध लगाने कोशिशों में जुटी हुई है. पार्टी को इस दिशा में कुछ हद तक सफलता भी मिली है, खासकर पश्चिमी और मध्य भारत के राज्यों में. आदिवासी हालांकि, पहचान और जीवनशैली के लिहाज से खुद को विशिष्ट मानते हैं. वे उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के प्रकट-अप्रकट प्रयासों का विरोध करते आए हैं.
अभी कुल 543 लोकसभा सीटों में से 47 एसटी (अनुसूचित जनजाति) के लिए आरक्षित हैं. भाजपा ने 2019 में शानदार प्रदर्शन करते हुए इनमें से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, मुख्य विरोधी दल कांग्रेस की झोली में केवल चार सीटें गई थीं. भाजपा 2024 में भी मजबूत स्थिति में दिख रही है. हालांकि उसके सामने आदिवासियों के बीच लगाई जा रही इन अटकलों से निबटने की चुनौती है कि पार्टी एसटी को मिला आरक्षण समाप्त करने के लिए संविधान में संशोधन करने के साथ ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने जा रही है. इससे उनकी विशिष्ट पहचान को खतरा हो सकता है. भाजपा आदिवासी मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और शहरी विकास परियोजनाएं चला रही है. वह आदिवासी नायकों के योगदान पर प्रकाश डालने और उन्हें सम्मानित करने में भी जुटी हुई है.
Diese Geschichte stammt aus der June 05, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der June 05, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![बीरेन की विदाई के बाद... बीरेन की विदाई के बाद...](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/THZ65mFEP1739796025880/1739796207250.jpg)
बीरेन की विदाई के बाद...
फरवरी की 13 तारीख की शाम को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा और चार दिन पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले एन. बीरेन सिंह ने करीब-करीब इसी समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखी.
![रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/V1y3fpEIW1739185336590/1739185578189.jpg)
रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी
कहते हैं उपनिषदों का ज्वलंत ज्ञान सबके लिए नहीं है. वजहः यह बुद्धि मात्र की यानी सिर्फ बौद्धिक उपलब्धि नहीं बल्कि शरीर पर उसके निरंतर गहन अभ्यास से आप वहां तक पहुंचते हैं. लेकिन संगम में स्नान के लिए वे विभूतियां भी आती हैं जो तमाम सांसारिक आकर्षणों से दूर हो चुकी हैं.
![तगड़ा झटका तगड़ा झटका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/UozqDkrAT1739181839176/1739182008378.jpg)
तगड़ा झटका
दरअसल, दंडकारण्य के घने जंगलों में, जहां पत्तों की हर सरसराहट के साथ शिकार और शिकारी के बीच की सीमा रेखाएं धुंधली पड़ जाती हैं, अभी-अभी वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ देश की लंबे वक्त से चल रही लड़ाई का एक नाटकीय अध्याय लिखा गया.
![क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/dqcZ9XC8R1739182755901/1739183432199.jpg)
क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर
कभी औद्योगिक शहर की पहचान रखने वाला मोकामा आखिर नब्बे के दशक में कैसे बना बिहार का क्राइम कैपिटल? अपनी बदनाम छवि से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा यह शहर हाल में गुटों के बीच भारी गोलीबारी से एक बार फिर दहला
![बढ़िया, संतुलित कदम बढ़िया, संतुलित कदम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/LkrLRStgQ1739182151613/1739182432303.jpg)
बढ़िया, संतुलित कदम
अब जब बाहरी दुनिया में अनिश्चितता दिख रही है तो 2025 के बजट में कुछ बेहद आवश्यक आश्वासन दिए गए हैं, साथ ही राजकोषीय विवेक की सीधी और संकरी राह का अनुसरण किया गया है
![विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/HuuKZSb_Y1739183703170/1739184010840.jpg)
विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज
आइसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर जसप्रीत बुमरा ने 2024 में इतने रिकॉर्ड तोड़े कि गिने न जाएं. अव्वल तेज गेंदबाज पाने भारत की दुआएं रंग लाईं. और अब तो वे एक कदम आगे बढ़कर खेल के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज बन गए
![किताबें, किरदार और ककड़ी किताबें, किरदार और ककड़ी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/Gbo_ZsIlR1739184011878/1739184202227.jpg)
किताबें, किरदार और ककड़ी
बाकी के रूटीनी मेलों से कितना अलग होता है किताबों और थिएटर के उत्सव-जलसों का मिजाज! जरूरत की या लक्जरी चीजों को खरीदने-बेचने के हड़बोंग से हटकर यहां दिखती है अपने भीतरी सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की बेचैनी (संदर्भ: प्रगति मैदान में दिल्ली विश्व पुस्तक मेला; राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भारंगम). थोड़ा सजग रहें तो कई गुदगुदाते वाकयों से भी आप गुजरते हैं.
![छिड़ गया सत्ता संघर्ष छिड़ गया सत्ता संघर्ष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/3LLiwnUS91739181555756/1739181657557.jpg)
छिड़ गया सत्ता संघर्ष
कश्मीर के बडगाम में गणतंत्र दिवस पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के अध्यक्ष नजीर अहमद खान के तिरंगा फहराने के दौरान एक नामौजूदगी साफ नजर आई. जिले के चारों विधायक उस समारोह से नदारद रहे.