प्रः हाल ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और उसके जरिए आयोजित प्रवेश परीक्षाओं और खासकर नीट या एनईईटी-यूजी (मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) आयोजित करने के तरीकों को लेकर काफी नाराजगी और विवाद पैदा हुआ. इसके पीछे क्या वजहें हैं?
एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) पिछले छह सालों से जेईई परीक्षा और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीयूईटी सरीखी देश की कुछ सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाएं आयोजित करती रही है. अपने को आधुनिक बनाने के लिए किसी भी संगठन को नियमित रूप से खुद को नए सांचे में ढालना और नए तौर-तरीके अपनाने चाहिए. तो एनटीए को भी अपना नया अवतार लेने की जरूरत है क्योंकि टेक्नोलॉजी बदल रही है, चुनौतियां परवान चढ़ रही हैं और भागीदारी बढ़ रही है. जिस परीक्षा के बारे में हम बात कर रहे हैं, उसके लिए इस बार 24 लाख छात्रों ने पंजीकरण करवाया और 23.33 लाख ने परीक्षा दी. जब कॉलेजों के इतने सारे छात्र परीक्षा में बैठते हैं तो चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं. पिछले साल एनटीए ने एक करोड़ से ज्यादा छात्रों के लिए उच्च शिक्षा और नौकरियों की प्रवेश परीक्षाएं सफलता से आयोजित की थीं. पर यह ऐसी घटना है जो नहीं होनी चाहिए थी; ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए थी.
● गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यूजीसी-नेट (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन-नेशनल एंट्रेंस टेस्ट) सरीखी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. दूसरी परीक्षाएं भी टाल दी गई हैं.
देखिए, एक परीक्षा रद्द की गई है, एक परीक्षा टाल दी गई है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मुझे लगा कि जब जटिलताएं पैदा हुई हैं तो उन्हें दुरुस्त करने के लिए हमें समय लेना चाहिए. यूजीसी-नेट इसलिए रद्द की गई क्योंकि आपको डार्क नेट के जरिए और टेलीग्राम पर लीक प्रश्नपत्र मिल गया था-ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. समय के साथ टेक्नोलॉजी से जुड़ी और साइबर अपराध की चुनौतियां पैदा हुई हैं. कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई थी. हमें वह यूजीसी नेट की परीक्षा इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि प्रश्नपत्र एक दिन पहले यह डार्क नेट पर आया और फिर टेलीग्राम के माध्यम से प्रसारित हो गया था. सीएसआईआर-नेट (काउंसिल फॉर साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिलेशंस-नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा टाली गई है और यह जल्द ही आयोजित की जाएगी.
Diese Geschichte stammt aus der July 10, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
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