जख्म दिखने लगे दरारों से
India Today Hindi|July 17, 2024
वैचारिक गुरु की कुछ उपदेश भरी बातों ने उमड़-घुमड़ पैदा की और सुर्खियां बटोरीं. लेकिन आरएसएस-भाजपा को पता है कि दोनों का भविष्य एक-दूसरे के साथ सामंजस्य पर ही टिका
अनिलेश एस. महाजन
जख्म दिखने लगे दरारों से

अगर किसी ने पहले ज्यादा गौर न किया रहा हो तो 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद की यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक तौर पर उसके लिए खासी चौंकाने वाली रही होगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीटें 303 से घटकर 240 पर आ गईं और नरेंद्र मोदी सरकार का कद भी उसी अनुपात में नीचे आ गया तो वाद-संवाद के तौर-तरीकों में भी थोड़ा बदलाव आना लाजिमी था. भले ही सब कुछ पूरी तरह न बदला हो, मगर इसने एक ऐसे दौर की शुरुआत जरूर कर दी है, जिसमें सत्तारूढ़ दल को अपनी आलोचना सुनने की आदत डालनी होगी. बहरहाल, आलोचना के सुर अगर विपक्ष की तरफ से उठते तो कुछ भी असामान्य नहीं था. मगर भाजपा को खरी-खोटी सुनाने में उसके वैचारिक अभिभावक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष पदाधिकारी आगे रहे.

चेतावनी भरे लहजे में इसकी शुरुआत करने वाले खुद सरसंघचालक मोहन भागवत थे. उसके बाद आरएसएस के दिग्गज इंद्रेश कुमार और कुछ दूसरे पदाधिकारी भी पीछे नहीं रहे. उनके सुर कुछ इस कदर तीखे थे कि बयानों ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं और कई तरह की अटकलें भी आकार लेने लगीं. आम तौर पर भाजपा-आरएसएस को एक-दूसरे के जोड़ीदार की तरह देखा जाता है, जिसे लोग अक्सर एक इकाई भी मान लेते हैं. क्या यह वाकई मुमकिन है कि दोनों में कलह हो सकती है? क्या बिना आग के धुआं उठ सकता है? अब जब इस जुबानी जंग का दौर थोड़ा थमा है और ऊपर से सब शांत नजर आ रहा है, अंदरूनी सूत्र कुछ वक्त के लिए आए उस उबाल के निहितार्थ समझने को लेकर आगाह करते हैं. उनके मुताबिक, स्वाभाविक तौर पर यह दीर्घकालिक संतुलन साधने की कवायद है.

Diese Geschichte stammt aus der July 17, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der July 17, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
सोणा पंजाबी एल्बम मान दा
India Today Hindi

सोणा पंजाबी एल्बम मान दा

गायक-अभिनेता-गीतकार गुरदास मान दूरदर्शन के साथ शुरुआत से लेकर अपने नए एल्बम साउंड ऑफ सॉएल, वीर जारा के किस्से और नई पीढ़ी के कलाकारों पर

time-read
2 Minuten  |
October 09, 2024
"हाथ से सितार ले लिया जाए तो मैं दुनिया के किसी काम का नहीं"
India Today Hindi

"हाथ से सितार ले लिया जाए तो मैं दुनिया के किसी काम का नहीं"

उस्ताद शुजात खान इस दौर के श्रेष्ठतम सितारवादकों में से एक हैं. छह साल की उम्र से ही स्टेज पर परफॉर्म करने वाले, ग्रैमी अवार्ड के लिए नामित, इमदाद खान घराने के ये 64 वर्षीय संगीतकार जितने सादगीपसंद हैं उतने ही जिंदादिल. एक अरसा पहले वे दिल्ली की चिल्लपों से दूर गोवा के एक गांव में जा बसे जो पणजी से 12 किमी दूर है. दी लल्लनटॉप और इंडिया टुडे के संपादक सौरभ द्विवेदी ने हाल में जिंदगी के तमाम पहलुओं पर उनसे लंबी बातचीत की. उसी के अंशः

time-read
7 Minuten  |
October 09, 2024
सदा के लिए नहीं रहा हीरा
India Today Hindi

सदा के लिए नहीं रहा हीरा

भारत के हीरा उद्योग में भूचाल जैसी स्थिति है और इसे तराशने वाले कुशल कारीगर घटती आय और अनिश्चित भविष्य से जूझ रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि लैब में तैयार हीरे की बढ़ती मांग के आगे प्राकृतिक पत्थर की असली चमक फीकी पड़ती जा रही है

time-read
8 Minuten  |
October 09, 2024
लुटी-पिटी विरासत के बादशाह!
India Today Hindi

लुटी-पिटी विरासत के बादशाह!

बेभाव उधारियां उठाकर केसीआर ने तेलंगाना का दीवाला ही निकाल दिया. उनके इस फितूर का खामियाजा अगले एक दशक तक राज्य को उठाना पड़ेगा

time-read
7 Minuten  |
October 09, 2024
अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश
India Today Hindi

अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश

कांग्रेस ने यूपी में जनआंदोलनों और कई सारे कार्यक्रमों के जरिए अपने जनाधार विस्तार की रणनीति बनाई. पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यकों पर विशेष रूप से फोकस

time-read
8 Minuten  |
October 09, 2024
दिलचस्प से हरियाणे का सियासी सांग
India Today Hindi

दिलचस्प से हरियाणे का सियासी सांग

सत्ता-विरोधी भावना का मुकाबला करते हुए कांग्रेस से अपने गढ़ को बचाने की पुरजोर कोशिश में लगी भाजपा. दूसरी ओर अंदरुनी लड़ाई के बावजूद कांग्रेस उम्मीदों पर सवार

time-read
8 Minuten  |
October 09, 2024
उम्मीदों में उलझीं कुछ गुत्थियां भी
India Today Hindi

उम्मीदों में उलझीं कुछ गुत्थियां भी

विरोध के बावजूद भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की योजना को आगे बढ़ाने की ठानी. अगर ऐसा हुआ तो ये सवाल पूछे जाएंगे कि इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा या कमजोर?

time-read
6 Minuten  |
October 09, 2024
"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"
India Today Hindi

"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देश के हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्होंने खतरों को घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एसोसिएट एडिटर अभिषेक जी. दस्तीदार के साथ बातचीत में उन्होंने साफ-साफ स्वीकार किया कि यही इकलौता मामला है जिसमें वे अपने तय किए लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे. बातचीत के संपादित अंशः

time-read
6 Minuten  |
October 09, 2024
जान के दुश्मन हाइवे
India Today Hindi

जान के दुश्मन हाइवे

खराब सड़क डिजाइन, लचर पुलिसिया व्यवस्था, प्रशिक्षण की कमी, नाकाफी सुरक्षा इंतजामात, और हादसे के वक्त इलाज की सुविधा के अभाव की वजह से भारत की सड़कें दुनिया में सबसे ज्यादा जानलेवा-

time-read
10+ Minuten  |
October 09, 2024
मेडिकल कुंडली से हो रहा शादी का फैसला
India Today Hindi

मेडिकल कुंडली से हो रहा शादी का फैसला

बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा तहसील के लक्ष्मी नगर के रहने वाले विकेश और अंजलि की दो माह पहले शादी हुई है. सगाई के वक्त जब दोनों के परिजन कुंडली मिलाने की तैयारी कर रहे थे तभी विकेश और अंजलि बागीदौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दूसरे की मेडिकल रिपोर्ट मिलान कर रहे थे. दरअसल, विकेश और अंजलि ने सिकल सेल एनीमिया की जांच कराई थी और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही दोनों ने शादी की सहमति दी. विकेश कहते हैं, \"हमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने सिकल सेल बीमारी के बारे में जानकारी दी थी. अगर हम दोनों में से किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती तो हम शादी नहीं करते.\"

time-read
5 Minuten  |
October 09, 2024