ऊपर से नीचे के सदन में
India Today Hindi|July 24, 2024
राज्यसभा के कई दिग्गज सदस्यों ने आखिरकार जनता की अदालत में जाने का फैसला किया और अब अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के तौर पर लोकसभा की शोभा बढ़ाने पहुंचे
धवल एस. कुलकर्णी, जुमाना शाह, अर्कमय दत्ता मजूमदार और अमिताभ श्रीवास्तव
ऊपर से नीचे के सदन में

अनिल देसाई, 66 वर्ष | शिवसेना (यूबीटी) | मुंबई दक्षिण मध्य, महाराष्ट्र

दोबार उच्च सदन के सदस्य रहे देसाई का मृदुभाषी व्यवहार उन्हें एक सामान्य शिवसैनिक से अलग खड़ा करता है. दिग्गज नेताओं में शुमार देसाई अविभाजित शिवसेना के एक महत्वपूर्ण रणनीतिकार रहे. न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के पूर्व कर्मचारी और सफेदपोश कर्मचारियों से जुड़े शिवसेना के संगठन स्थानीय लोकाधिकार हक्क महासंघ के वे प्रमुख हैं. मूलतः गोवा के कैनाकोना से ताल्लुक रखने वाले देसाई पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद सहयोगी हैं. उन्हें दो बार सांसद रहे शिंदे गुट के सदस्य राहुल शेवाले के खिलाफ मैदान में उतारा गया था. यह एक समझदारी भरा फैसला साबित हुआ. उनकी इस जीत में मुसलमानों और ईसाइयों का समर्थन काफी अहम रहा.

मनसुख मांडविया, 52 वर्ष | भाजपा | पोरबंदर, गुजरात

पीयूष गोयल की तरह वे भी पहले संसद में रह चुके हैं. लेकिन उनसे उलट इस मृदुभाषी लेउवा पटेल का ताल्लुक हनोल गांव के एक साधारण से किसान परिवार से है. हनोल गांव पालीताना स्थित ऐतिहासिक जैन केंद्र से कुछ मील की दूरी पर मंदिरों से सजी शत्रुंजय पहाड़ी पर है. राजनीति और पशु चिकित्सा विज्ञान दोनों के छात्र रहने के दौरान एबीवीपी का हिस्सा रहे. 2002 में 30 वर्ष की उम्र में गुजरात विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक बने. उच्च सदन के सदस्य के तौर पर 12 साल के कार्यकाल और एक दशक तक मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के बावजूद मांडविया ने व्यक्तित्व में सादगी बरकरार रखी है. वे साइकिल से संसद आते अक्सर देखे जा सकते हैं.

Diese Geschichte stammt aus der July 24, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

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