वायनाड में भारी पड़ी भूल
India Today Hindi|August 14, 2024
पर्यावरण संबंधी समितियों की कई चेतावनियों के बावजूद, बेहिसाब खनन और पेड़-पौधों की कटाई तथा जंगल साफ करने की गतिविधियां अंधाधुंध जारी रहीं और केरल को उसका भारी खामियाजा चुकाना पड़ा
जीमॉन जैकब
वायनाड में भारी पड़ी भूल

अधेरी रात में भारी बारिश के बीच बड़े पैमाने पर भूस्खलन ने हर तरफ हाहाकार मचा दिया. 30 जुलाई को केरल के पहाड़ी क्षेत्र वायनाड में हुई इस तबाही में मुंडक्कई और चूरलमाला गांवों का नामोनिशान मिटा दिया और 1 अगस्त तक कम से कम 289 लोगों की जान चली गई. यही नहीं, 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि कई स्तर पर अनदेखी के कारण यह त्रासदी तो होनी तय ही थी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, राज्य भूस्खलन के प्रति काफी संवेदनशील है और देश में सबसे ज्यादा भूस्खलन यहीं होते हैं. देश में 2015 से 2022 के बीच 3,782 भूस्खलनों में से 2,239 केरल में हुए हैं.

माधव गाडगिल की अध्यक्षता में पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी पर रिपोर्ट पेश करने वाली विशेषज्ञ समिति का हिस्सा रहे पर्यावरणविद् वी.एस. विजयन कहते हैं कि वायनाड में जो कुछ हुआ, वह ऐसी आपदा है जिसे "हमने खुद बुलावा दिया है. " यह उन राज्यों के लिए एक चेतावनी है, जो समग्र जोखिम आकलन के बिना पहाड़ी ढलानों पर अनियंत्रित निर्माण की अनुमति देते हैं. 2011 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सौंपी गई गाडगिल रिपोर्ट में वायनाड में बेहद खूबसूरत व्यथिरी, मनतवडी और सुल्तान बाथरी तालुका को पर्यावरण के नजरिए से संवेदनशील क्षेत्र-1 (ईएसजेड-1) की श्रेणी में रखा गया था. इसका मतलब है कि यह क्षेत्र पर्यावरण के लिहाज से बेहद संवेदनशील है और इसलिए भूमि उपयोग में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. व्यथिरी ताल्लुका में मेप्पाडी उन 18 ईएसजेड में एक है, जिन्हें गाडगिल समिति ने चिह्नित किया था और यह भूस्खलन का शिकार बने मुंडकई और चूरलमाला से महज 2-3 किलोमीटर ही दूर है.

समिति ने सिफारिश की थी कि उत्खनन और लाल श्रेणी के उद्योगों (जिनका प्रदूषण सूचकांक स्कोर 60 या उससे अधिक है) को ईएसजेड-1 में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा, जहां खनन की अनुमति है, वहां से मानव बस्तियों की दूरी कम से कम 100 मीटर होनी चाहिए. हालांकि, विजयन कहते हैं कि राज्य सरकार ने दूरी की यह सीमा घटाकर 50 मीटर कर दी है. भौगोलिक परिदृश्य में बदलाव, पर्यटक रिजॉर्ट की बढ़ती संख्या और अंधाधुंध खनन से जमीनी हालात में जिस तरह के बदलाव हुए, उसका नतीजा यही होना था.

Diese Geschichte stammt aus der August 14, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der August 14, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
शोख सनसनी दिल्ली की
India Today Hindi

शोख सनसनी दिल्ली की

आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं

time-read
1 min  |
December 04, 2024
पाइ पटेल की भारत यात्रा
India Today Hindi

पाइ पटेल की भारत यात्रा

यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक

time-read
2 Minuten  |
December 04, 2024
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
India Today Hindi

कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की

धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि

time-read
3 Minuten  |
December 04, 2024
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
India Today Hindi

हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी

फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार

time-read
7 Minuten  |
December 04, 2024
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
India Today Hindi

रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते

पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.

time-read
8 Minuten  |
December 04, 2024
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
India Today Hindi

विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश

अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं

time-read
6 Minuten  |
December 04, 2024
अब शासन का माझी मंत्र
India Today Hindi

अब शासन का माझी मंत्र

मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे

time-read
6 Minuten  |
December 04, 2024
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
India Today Hindi

होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग

अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे

time-read
4 Minuten  |
December 04, 2024
कुछ न कर पाने की कसक
India Today Hindi

कुछ न कर पाने की कसक

कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.

time-read
2 Minuten  |
December 04, 2024
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
India Today Hindi

पुलिस तक पर्याप्त नहीं

गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.

time-read
3 Minuten  |
December 04, 2024