मंत्री की बगावत
India Today Hindi|August 21, 2024
मध्य प्रदेश में एक मंत्री की हालिया बगावत फिलहाल भले ही दबा दी गई हो लेकिन इसने भाजपा को साफ कर दिया है कि पार्टी अगर अपने वफादार दिग्गजों की जगह दलबदलुओं को तरजीह देती रही तो उसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
राहुल नरोन्हा
मंत्री की बगावत

मोह यादव की कैबिनेट में 21 जुलाई को रामनिवास रावत के मंत्री के रूप में शपथ लेने के लगभग दो सप्ताह बाद हुई इस घटना ने पार्टी के कान खड़े कर दिए हैं. छह बार के कांग्रेस विधायक रावत लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा में शामिल हुए थे. उन्हें वन और पर्यावरण विभाग का मंत्री बनाया गया. यह उन्हें भाजपा के खाते मुरैना लोकसभा सीट डालने के लिए किए उनके प्रयासों का पुरस्कार था, जहां पार्टी को कड़ी टक्कर मिल रही थी.

अगले ही दिन अलीराजपुर के प्रभावशाली आदिवासी नेता नागर सिंह चौहान ने विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया. नागर चार बार के भाजपा विधायक हैं और वे पहली बार मंत्री बने थे लेकिन उनसे महत्वपूर्ण वन और पर्यावरण विभाग छीन लिया गया और उनके पास केवल अनुसूचित जाति कल्याण विभाग रह गया. उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफे की धमकी दी कि वे खुद को आदिवासियों की भलाई के लिए पूरी क्षमता से और प्रभावी ढंग से काम करने में असमर्थ पाते हैं.

Diese Geschichte stammt aus der August 21, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

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