भजनलाल तब पार्टी के सबसे बड़े नेता हुआ करते थे और उन्हें 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुने गए कांग्रेस के 67 विधायकों में से अधिकांश का समर्थन हासिल था. हुड्डा ने 1990 के दशक बहुल क्षेत्र रोहतक में चौटाला परिवार के दिग्गज देवीलाल को लगातार तीन संसदीय चुनावों में हराकर सियासी रुतबा हासिल किया था. सबसे बड़ी बात यह कि पार्टी के आंतरिक झगड़े में उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी का खुलकर समर्थन किया. यही वजह थी कि गांधी परिवार ने 'युवा' जाट नेता का पूरा समर्थन किया. फिर क्या था, नवनिर्वाचित विधायक भी भजनलाल का साथ छोड़ उनके पीछे आ खड़े हुए.
दो दशक बाद अब जब 5 अक्तूबर को हरियाणा में एक बार फिर विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं तब हुड्डा, पूरी तरह न सही लेकिन कुछ हद तक खुद को उसी स्थिति में पा रहे हैं. उनकी आयु 76 वर्ष हो चली है और उम्र में उनसे छोटी उनकी प्रतिद्वंद्वी और सिरसा से सांसद 61 वर्षीया कुमारी शैलजा ने गांधी परिवार में बेहतर पैठ बना ली है. कुछ साल पहले हुड्डा 'जी-23' का हिस्सा बन गए थे. यह पार्टी में व्यापक सुधारों की मांग उठाने वाला कांग्रेस नेताओं का एक समूह था, जिसे गांधी परिवार के वर्चस्व के खिलाफ बगावत करने वाला माना गया. हालांकि, 2022 के बाद से उन्हें पार्टी की हरियाणा इकाई अपने हिसाब से चलाने का अधिकार मिला हुआ है. लेकिन आंतरिक सूत्र बताते हैं कि उनकी निष्ठा अब पहले जैसी 'बेदाग नहीं रही है. वैसे, दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री ने हालिया आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ कड़े मुकाबले में 10 लोकसभा सीटों में से पांच पर जिताकर कांग्रेस को मजबूत स्थिति में ला दिया. इसकी बड़ी वजह यह रही कि जाट वोट उनके पीछे लामबंद हो गया था. फिर भी पार्टी 2019 से नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हुड्डा को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने से परहेज कर रही है.
Diese Geschichte stammt aus der 25th September, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der 25th September, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.