सेठा सिंह रावत, 30 वर्ष अजमेर, राजस्थान
लेकिन अजमेर के सेठा सिंह रावत कुछ अलहदा किस्म के दर्जी हैं. सेठा और उनके भाई सेवा सिंह ने अपनी 'दर्जी ऑनलाइन' कंपनी के जरिए छोटी-सी दुकान में चलने वाले इस व्यवसाय को विश्वव्यापी बना डाला है. यह देश की ऐसी कंपनी है जो ऑर्डर पर चंद घंटों के भीतर देश-विदेश के उन दूरस्थ इलाकों में सिले कपड़े उपलब्ध कराती है जहां बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की भी पहुंच नहीं.
दर्जी ऑनलाइन देशभर के ग्रामीण स्तर के छह लाख आंत्रप्रेन्योर के साथ काम कर रही है और 60,000 गांव-ढाणियों तथा छोटे कस्बों में सिले- सिलाए कपड़े भेजती है. वहां के 5,000 से ज्यादा स्कूलों की यूनिफॉर्म सिलाई का काम इसके पास है. काथा कारीगरी के जरिए बनाए गए इसके कपड़े, बैग और टी पाउच अमेरिका सहित कई देशों में भेजे जा रहे हैं. यह पैंट, शर्ट, टी-शर्ट, लोवर, ट्रैक सूट, हुडी, स्कूल- लैपटॉप बैग और स्पोट्र्स कपड़ों की सिलाई करती है.
सेठा महज 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं और सेवा 5वीं के बाद स्कूल नहीं गए. उनके परिवार का पहले बिजनेस से कोई नाता भी नहीं था. मगर यह उनके लिए बाधा नहीं बन सका. दोनों भाई मिलकर पूरा ऑनलाइन बिजनेस और लेन-देन संभालते हैं. अजमेर जिले के दातां गांव के रहने वाले सेठा और सेवा रावत राजपूत परिवार से आते हैं.
Diese Geschichte stammt aus der December 18, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December 18, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
डॉक्टरी की पढ़ाई 3 डी से होती आसान
मेडिकल कोर्सेज में दाखिला मिलना अमूमन मुश्किल होता है, लेकिन दाखिला मिलने के बाद वहां अच्छे से पढ़ाई और भी मुश्किल होती है.
सुखबीर के जीवन का निर्णायक क्षण
चार दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेवा देते हुए शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता सुखबीर सिंह बादल को अप्रत्याशित खतरे का सामना करना पड़ा.
क़ुदरत के रंग-राग
बेंगलूरू में हो रहे इकोज ऑफ अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल के सातवें संस्करण का लाइनअप जबरदस्त
टैंक को स्वदेशी बनाने की कनपुरिया तकनीक
कानपुर के कालपी रोड में इंडस्ट्रियल एस्टेट के प्लॉट नंबर 98 में चल रही तीन मंजिला फैक्ट्री आम कारखानों से अलग है.
पुरानी कारों का यूनीकॉर्न
पुरानी कार खरीदने में यही दुविधा रहती है कि कहीं चोरी की तो नहीं या पुलिस केस में तो नहीं फंसी है.
अफसानों का उस्ताद
फिल्म निर्माता इम्तियाज़ अली देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के संरक्षक होने और दोबारा रिलीज हुई लैला मजनूं की सफलता वगैरह के बारे में
आखिरी नतीजे तक जंग
बस्तर में सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी, तकनीक का साथ और सरकार की तरफ से अभियान चलाने की पूरी आजादी के बूते 2024 में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई भारी सफलता के साथ आगे बढ़ी
एसी के पीछे की गर्म हवा ! उसे भी साधने का है जुगाड़
पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक प्रमोद स्टीफन का मन ऐसी खोजों में रमता है जो लोगों के लिए लाभदायक तो हो साथ ही पर्यावरण के लिए भी मुफीद हो. उन्होंने इस बार ऐसा जुगाड़ तैयार किया है, जो एसी की गर्म हवा से बाहरी दुनिया को बचाता है.
चाय वालों के लिए वरदान 'फिल्टर कॉफी' मशीन
चंपारण के किसी शहर, कस्बे या बाजार में जाएं, आपको चाय दुकानों पर एक खास चीज नजर आएगी.
बैलों से बना रहे बिजली
लखनऊ में गोसाईंगंज को मोहनलालगंज से जोड़ने वाली सड़क पर पड़ने वाली नई जेल के पीछे तीन एकड़ जमीन पर बनी गोशाला और यहां लगी मशीनें अपनी ही बिजली से रौशन हैं.